मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
चंडीगढ़/फरीदाबाद, 10 फरवरी:
सरकार ने वरिष्ठ भाजपा नेत्री एवं हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया की नियुक्ति के जो आदेश जारी किए हैं, वो गलत हैं। इसके लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने उपरोक्त नियुक्ति आदेश में कानूनी प्रश्नचिन्ह उठाते हुए हरियाणा सरकार को पत्र लिखा है।
बता दें कि हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव जी. अनुपमा के हस्ताक्षर से 17 जनवरी, 2022 को जारी एक आदेश द्वारा रेणु भाटिया को 3 वर्षों के लिए हरियाणा राज्य महिला आयोग का चेयरपर्सन/अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस आशय में जारी आदेश में हरियाणा राज्य महिला आयोग कानून, 2012 की धारा 3 की उपधारा 2 (बी) का उल्लेख किया गया था।
बहरहाल, इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने उपरोक्त नियुक्ति आदेश में कानूनी प्रश्नचिन्ह उठाते हुए हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर बताया है कि हरियाणा राज्य महिला आयोग कानून, 2012 के अंतर्गत आयोग की चेयरपर्सन की नियुक्ति उपरोक्त कानून की धारा 3 की उप-धारा 2(बी) के अंतर्गत नहीं बल्कि धारा 3 की उप-धारा (ए) में जारी की जानी चाहिए। धारा 3(2)(बी) में आयोग की वाइस-चेयरपर्सन और सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान है जबकि चेयरपर्सन की नियुक्ति का उल्लेख धारा 3 (2)(ए) में है।
इससे पूर्व 18 जुलाई, 2017 में जब प्रतिभा सुमन को हरियाणा महिला आयोग का तत्कालीन चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था, तो इस संबंध में उनकी नोटिफिकेशन उपरोक्त 2012 कानून की धारा 3(2)(ए) में ही जारी की गई थी।
इसके अतिरिक्त एडवोकेट हेमंत कुमार ने एक और प्वाइंट उठाते हुए बताया कि चूंकि हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन का पद एक वैधानिक (कानूनी) पद होता है जिस पर उपरोक्त 2012 कानून लागू होता है, अत: इसके लिए नियुक्ति आदेश (आर्डर) के स्थान पर अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि पूर्व में भी जब भी हरियाणा महिला आयोग में चेयरपर्सन, वाइस चेयरपर्सन एवं सदस्यों की नियुक्ति की जाती रही है तो इस संबंध में नियुक्ति आदेश नहीं बल्कि गजट नोटिफिकेशन ही जारी और अधिसूचित की जाती रही है।
इस संबंध में जब हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनसे फोन पर बात नहीं हो सकी।

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