गुरुग्राम की नई पुलिस कमिश्रर के पास 19 वर्षों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहने का अनुभव।
जून, 2001 से जुलाई, 2020 तक केंद्र सरकार के अधीन विभिन्न पदों पर दी हैं सेवाएं।
चार माह तक रहीं प्रदेश परिवहन विभाग की प्रधान सचिव, वर्तमान में उनके पति नवदीप विर्क के पास है उक्त पद।
मैट्रो प्लस के लिए नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट।
चंडीगढ़/गुरुग्राम, 18 फरवरी:
करीब डेढ़ वर्ष बाद गुरुग्राम में नए पुलिस कमिश्नर की तैनात किया गया है। हरियाणा सरकार के गृह विभाग द्वारा गत् रविवार को देर रात्रि जारी आदेश से हरियाणा कैडर की 1994 बैच की महिला IPS अधिकारी कला रामचंद्रन को गुरुग्राम जिले का नया पुलिस आयुक्त तैनात किया गया है।
रोचक बात यह है उपरोक्त जारी आदेश में कला रामचंद्रन को प्रदेश के परिवहन विभाग का प्रधान सचिव एवं स्टेट विजिलेंस ब्यूरो में ADGP (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) रैंक पर दर्शाया गया है। हालांकि गत् माह 14 जनवरी से उनके पति नवदीप सिंह विर्क, जो स्वयं भी हरियाणा कैडर के 1994 के IPS अधिकारी हैं, उपरोक्त विभाग के प्रधान सचिव पद पर तैनात है। नवदीप विर्क भी वर्ष 2015-16 में गुरुग्राम के पुलिस कमिश्रर रह चुके हैं। हालांकि तब वह IG (पुलिस महानिरीक्षक) रैंक के अधिकारी थे।
गत् वर्ष सितम्बर, 2021 में हालांकि कला रामचंद्रन ADGP को परिवहन विभाग का प्रधान सचिव तैनात किया गया था। इसके साथ-साथ तब उनके पास एडीजीपी/महिला विरूद्ध अपराध का कार्यभार भी रहा था।
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व 28 जुलाई, 2020 को केंद्र सरकार द्वारा कला रामचंद्रन को उनके मूल हरियाणा कैडर में तत्काल रूप से वापिस भेजने के आदेश जारी किये थे। तब उन्हें सेंट्रल डेपुटेशन (केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति) पर गए पूरे 19 वर्ष हो गए थे। 16 जून, 2001 को कला रामचंद्रन केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर गयी थीं एवं तब से वह निरंतर वहीं पर रहीं।
हेमंत कुमार ने बताया कि सामान्यत: पांच वर्ष और कुछ विशेष परिस्थितियों में सात वर्ष की डेपुटेशन के बाद कोई IAS या IPS अधिकारी केंद्रीय डेपुटेशन या अंतर-राज्यीय डेपुटेशन से वापिस लौटकर अपने मूल कैडर में वापिस लौट आता हैं। हालांकि केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय अर्थात केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी के पास उक्त अधिकतम सात वर्ष की डेपुटेशन अवधि को और बढ़ाने की भी शक्ति/पॉवर होती है।
ज्ञात रहे कि मूल रूप से तमिलनाडु राज्य से संबंध रखने वाली कला रामचंद्रन को वर्ष 1994 में हरियाणा कैडर अलॉट किया गया था। वहीं 19 वर्षो तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में अलग-अलग पदों पर रहे हुए जून, 2017 में उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले मेघालय राज्य में स्थित उत्तर-पूर्वीय पुलिस अकादमी (नेपा) में डायरेक्टर (निदेशक) पद पर इंस्पेक्टर जनरल (पुलिस महानिरीक्षक) के पद पर तैनात किया गया था। यहां तीन वर्ष रहने के बाद गत् माह जून, 2020 में वह केंद्रीय इंटेलिजेंस ब्यूरो में गयी जहां से उन्हें अपने मूल कैडर हरियाणा में वापिस भेजा गया था।
एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि अगस्त, 2018 में जब हरियाणा कैडर के 1994 बैच के IPS अधिकारियों को अपने कैडर में 25 वर्ष की सेवा पूर्ण होने से चार माह पूर्व ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) रैंक में प्रोमोट किया गया था, तो उस समय कला रामचंद्रन को भी प्रोफोर्मा प्रमोशन प्रदान की गयी थी। इसी कारण जुलाई, 2020 में हरियाणा कैडर में वापिस आने के बाद उन्हें प्रदेश में ADGP रैंक के पद पर ही तैनात किया गया। वर्ष 2024 के बाद वह अपने बैच के अन्य तत्कालीन IPS अधिकारियों के साथ DGP (पुलिस महनिदेशक) रैंक में भी प्रमोशन के योग्य हो जाएंगी। कला रामचंद्रन की साढ़े सात वर्ष की IPS में सेवा शेष जिसके चलते वो जुलाई 2029 में सेवानिवृत होंगी।
कला रामचंद्रन की 19 वर्ष की लंबी सेंट्रल डेपुटेशन अवधि के बारे में हेमंत ने बताया कि यह असामान्य तो प्रतीत होता है, हालांकि अभूतपूर्व नहीं है। इससे पहले प्रदेश के पूर्व पुलिस प्रमुख मनोज यादव DGP भी फरवरी, 2003 से फरवरी, 2019 अर्थात 16 वर्षो तक लगातार केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन इंटेलिजेंस ब्यूरो में डेपुटेशन में रहने के बाद हरियाणा कैडर में वापिस लौटे थे।
इनके अलावा पड़ोसी पंजाब राज्य के 1984 बैच के IPS सामंत कुमार गोयल भी मार्च, 2001 से अर्थात कला रामचंद्रन से भी तीन माह पहले से सेंट्रल डेपुटेशन पर है एवं जून, 2019 में मोदी सरकार ने उन्हें रॉ (रिसर्च एवं एनालिसिस विंग) का प्रमुख एवं सचिव और कैबिनेट सचिवालय में महानिदेशक (सुरक्षा) लगाया गया जहां वह अब भी तैनात हैं।

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