मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 19 जनवरी:
शुक्रवार का दिन विजय रामलीला कमेटी के लिए काला दिन साबित हो सकता है। कारण, नगर निगम ने एनआईटी के एनएच-1बी-सी ब्लॉक पार्क में विजय रामलीला कमेटी द्वारा अवैध रूप से बनाई गई दुकानों, कमेटी के हॉल व ऑफिस आदि को तोडऩे के लिए अपनी पूरी तैयारियों को अंजाम दे दिया है।
बता दें कि इस बार नगर निगम विजय रामलीला कमेटी को लेकर आक्रमक मूड में हैं और वो कमेटी द्वारा बेशकीमती सरकारी पार्क की जमीन पर कब्जा कर बनाए हुए हॉल और दुकानों को नेस्तनाबूद करके रहेगा।
बाकायदा इसके लिए निगम को पुलिस फोर्स और ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी मिल गए हैं। नेस्तनाबूद करने की इस सारी कार्यवाही को हाईकोर्ट के आदेशों पर अमलीजामा पहनाया जाएगा। हालांकि पहले भी यहां तोडफ़ोड़ की कार्यवाही की गई थी, लेकिन वो राजनैतिक कारणों के चलते टाल दी गई थी। लेकिन इस बार शायद ऐसा ना हो पाए क्योंकि इस मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए नगर निगम को 16 फरवरी को अपनी स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दे रखे हैं।
बता दें कि कल शुक्रवार 20 जनवरी को नगर निगम की पॉकलेन और जेसीबी के पीले पंजे एनआईटी में एनएच-1बी-सी ब्लॉक पार्क में अपना कहर बरसाएंगे। इस काम के लिए जहां जिला प्रशासन की तरफ से निगम के एक्सईएन ओमदत को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया गया हैं, वहीं पुलिस फोर्स को भी तोडफ़ोड़ के लिए तैयार रहने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा कह दिया गया है। यहीं नहीं, निगम ने मौके पर बैठे दुकानदारों को भी कल होने वाली तोडफ़ोड़ से पहले अपनी-अपनी दुकानें खाली करने के निर्देश दे दिए हैं।
वैसे तो सरकार ने सरकारी जमीनों पर वर्षों से बैठे कब्जाधारकों के लिए स्वामित्व योजना को लागू किया था। वो बात अलग है कि विजय रामलीला कमेटी की मैनेजमेंट ने सरकार की उक्त योजना के लिए एप्लाई ही नहीं किया।
निगम सूत्रों की मानें तो यदि कमेटी उक्त स्वामित्व योजना में कब्जाई गई जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए एप्लाई भी करती तो भी उसको इस बेशकीमती जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पाता क्योंकि वो उक्त योजना के नियम-शर्तों को पूरा नहीं कर पाती।
सरकारी सुत्रों की मानें तो विजय रामलीला कमेटी को उक्त जमीन/पार्क कभी भी ना तो अलॉट की गई और ना लीज पर दी गई। विजय रामलीला कमेटी ने बच्चों के खेलने के पार्क में अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। बता दें कि विजय रामलीला कमेटी मामले को लेकर नगर निगम ने खुद अपना शपथ पत्र हाईकोर्ट में दाखिल किया हुआ है, बावजूद इसके अभी तक नगर निगम ने उक्त सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं लिया है।
यहीं नहीं, विजय रामलीला कमेटी को लेकर जब हाईकोर्ट में केस डाला गया था तो उस समय तक कोई भी बैलेंस शीट कमेटी द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा नहीं कराई गई थी जिसकी पुष्टि आरटीआई के जवाब में दी गई सूचना से होती है।
काबिलेगौर रहे कि उक्त प्रोपर्टी पर विजय रामलीला कमेटी ने जो तमाम दुकानें बनाई हुई हैं उनका लाखों रूपये महीना का किराया कमेटी द्वारा वसूला जाता था जोकि सरकारी खजाने में जाना चाहिए था। प्रशासन को चाहिए कि वो उक्त जगह पर कब्जा लेकर विजय रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों से उस रकम की रिकवरी/वसूली करे जो उन्होंने दुकानदारों से किराए के रूप में और आम जनता से शादी-ब्याहों की पर्ची काटकर की है। ये रकम शायद करोड़ों में बनेगी जोकि नगर निगम क्षेत्र के विकास में काम आ सकती है। साथ ही उन लोगों पर मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए जो वर्षो से गैर-कानूनी रूप से सरकारी जमीन पर काबिज हो करोड़ों रूपये की रकम वसूले रहे थे।
यहां यह भी बता दें कि अपने ऊपर तलवार लटकती देख विजय रामलीला कमेटी के दुकानदारों/किराएदारों ने 19 मार्च, 2021 को एक मेमोरंडम जिला उपायुक्त को देकर उनसे अपील की थी कि प्रशासन उनको ये दुुकानें या तो सरकारी रेट से अलॉट कर दे या फिर उन्हें किराए पर दे दे ताकि उनकी रोजी-रोटी चलती रहे। इस पर इन दुकानदारों को इस मामले में 15 दिन का समय जिला उपायुक्त कम निगमायुक्त द्वारा दे दिया गया था ताकि वो इस बीच सारा मामला समझ सकें। इसी के चलते वास्तुस्थिति जानने के लिए तत्कालीन निगमायुक्त यशपाल यादव ने शुक्रवार, 26 मार्च-2021 को संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ मौका-मुआयना भी किया था।
अब देखना यह है कि नगर निगम इस मामले में कल 20 जनवरी को क्या कार्यवाही अमल में लाता हैं जिस पर पूरे NIT के लोगों की निगाह है। -क्रमश:

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