सीलिंग/कब्जे को लेकर निगम के सामने आ सकती है राजनैतिक ताकतें आड़े?
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 3 नवंबर
: नगर निगम की कार्यप्रणाली भी एकदम निराली है, जो कम से कम हमारी समझ से तो परे है। नगर निगम आजकल टैक्स उगाही के लिए बकायादारों पर तो उगाही के लिए शिकंजा कस रहा है, लेकिन उन लोगों पर ध्यान नहीं दे रहा है जिन्होंने निगम की बेशकीमती जमीनों पर कब्जा कर रख है और उसका किराया वसूल रहे हैं।
बता दें कि नगर निगम एनआईटी फरीदाबाद की पॉश मार्किट एनएच-1 में विजय रामलीला कमेटी में बनी उन दुकानों से तो किराया वसूल रहा है, जिस जमीन का मालिकाना हक तक उसके पास नहीं हैं, लेकिन उसी एनएच-1 मार्किट के बीचोंबीच NH-1D पार्क परिसर में बने पीरजी शॉपिंग कॉम्पलेक्स में बनी दुकानों से ना तो किराया ले पर रहा है और ना ही कब्जा जिसका कि मालिकाना हक भी संभवत: उसके पास है। बल्कि पीर मोतीनाथ मंदिर परिसर में बनी इस अवैध मार्किट से मोटी उगाही वहां के मठाधीशों द्वारा की जा रही है।
इस मामले को जब मैट्रो प्लस ने 16 सितंबर, 2021 को प्रकाशित किया तो निगमायुक्त यशपाल यादव ने इस मामले की जांच ज्वाईंट कमिश्रर NIT जोन को सौंप दी। इस पर ज्वाईंट कमिश्रर गौरव अंतिल तत्कालीन SDO इंफोर्समेंट जीतराम के साथ मौके पर पहुंचे तो सही लेकिन उसके बाद क्या हुआ इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।
हां, इस संबंध में जब मैट्रो प्लस ने तत्कालीन SDO इंफोर्समेंट जीतराम से पूछा तो उन्होंने बताया था कि उन्होंने आनंदकांत भाटिया और पीर मोतीनाथ मंदिर में रह रहे पीर जगननाथ से संबंधित प्रोपर्टी के दस्तावेज मांगे हैं।
वहीं, इस संबंध में जब हमने इस पर एक पक्ष आनंदकांत भाटिया से बात की जिसकी शिकायत पीर जगननाथ के समधी कवल खत्री ने की थी, तो उन्होंने बताया कि उनके पास SDO जीतराम का फोन तो आया था कि वो अपनी प्रोपर्टी के दस्तावेज निगम को दें, लेकिन उन्होंने SDO जीतराम से स्पष्ट रूप से कह दिया था कि अगर उन्हें दस्तावेज चाहिएं तो वे उनसे लिखित में मागेंगे तो दे देंगे, वरना नहीं।
वहीं सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अर्बन लोकल बॉडी, हरियाणा के आला अधिकारियों के आदेशों के बाद नगर निगम के अलग-अलग विभाग इस बारे में अपने-अपने स्तर पर इस NH-ID पार्क से संबंधित मालिकाना हक को लेकर पूरा पुङ्क्षलदा तैयार कर रहे हैं। उम्मीद जाहिर की जा रही है कि दीवाली के बाद नगर निगम NH-1D पार्क में बनी दुकानों को लेकर कोई बम फूटे और निगम इस पर अपना कब्जा ले ले। हालांकि अधिकारिक तौर पर अभी तक कोई भी अधिकारी इस मामले में फिलहाल कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
शहर में चर्चा है कि हाल ही में चंद राजनेताओं को उक्त विवादास्पद जगह पर बुलाकर उनकी खातिरदारी करने का उद्देश्य शायद यही था कि वो नगर निगम के अधिकारियों को राजनैतिक ताकत दिखा दे।
अब देखना यह है कि नगर निगम अपनी करोड़ों रूपये की अपनी बेशकीमती जमीन पर कब्जा ले पाता है या नहीं? -क्रमश:

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