मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 3 सितम्बर:
बुधवार, 28 जुलाई की रात थाना कोतवाली की हवालात में तथा उसके बाद एक सितंबर तक करीब एक महीने नीमका जेल की सलाखों के पीछे रहने के बाद आखिरकार ईश डूरेजा को लोहे की सलाखों से मुक्ति मिल ही गई। ओर ये सब हुआ शहर के नामी-गिरामी अधिवक्ता शेखर आनन्द गुप्ता की बदौलत जिन्होंने माननीय कोर्ट के सामने उनका पक्ष कुछ इस तरह रखा कि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। वहीं एडवोकेट राकेश सिंह ने मैनेजर अंजनि कुमार कंठ की जमानत करवाई है।
बता दें कि बुधवार, 28 जुलाई की रात को थाना कोतवाली पुलिस ने NIT में नीलम-बाटा रोड़ पर स्थित द अर्बन होटल एंड रेस्टोरेंट में भारी पुलिस फोर्स के साथ रेड मारी थी। बकौल पुलिस, इस रेड में पुलिस ने मौके से होटल के कमरों में कुछ युवक-युवतियां को अश्लील हरकतें करते हुए आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा था। वहीं होटल की बेसमेंट में चल रही एक पार्टी में काफी संख्या में युवक-युवतियां अश्लील नाच करते हुए मिले थे। इसके अलावा मौके से होटल से बड़ी संख्या में शराब की बोतलें और शराब से भरे हुए गिलास भी बरामद किए गए। इस पर थाना कोतवाली पुलिस ने होटल द अर्बन में पार्टी के बहाने अश्लील डांस करने तथा कमरों में आपत्तिजनक हालत में पाए जाने आदि आरोपों के चलते हिरासत में लिए गए 44 युवक-युवतियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 (अश्लील हरकतें करने), 370 (खरीद-फरोख्त करने), 3,4,5 (वेश्यावृति करने), डीएम एक्ट 51, आपदा प्रबंधन अधिनियम 188, 72सी एक्साइज एक्ट, सरकारी आदेशों की अवहेलना करने पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था। आरोपितों में 29 युवक तथा 15 युवतियां शामिल थीं।
गिरफ्तार मुख्य आरोपियों में सैक्टर-19 के मकान न.-607 में रहने वाला ईश डूरेजा पुत्र लाजपत राय, मकान न.-5300, सैक्टर-3 में रहने वाला अंजनि कुमार कंठ उर्फ मनोज कुमार पुत्र शोभाकांत कंठ सहित दिल्ली निवासी निशा नामक युवती शामिल थे।
बता दें कि उक्त मामले में माननीय न्यायाधीश अनुराधा की अदालत ने उपरोक्त तीनों को छोड़कर बाकी सभी लोगों को उस समय जमानत दे दी थी, लेकिन इन तीनों को मुख्य आरोपी मानते हुए नीमका जेल भेज दिया था।
अब करीब एक महीने बाद शहर के नामी-गिरामी अधिवक्ता शेखर आनन्द गुप्ता और उनसे एसोसिएटिड दीपक नागपाल एडवोकेट ने जिला सत्र न्यायाधीश वाईएस राठौर की अदालत में ईश डूरेजा पुत्र लाजपत राय के पक्ष में जमानत याचिका लगाकर इस मामले में पुलिस की कमियां बता तथ्यात्मक दलील देते हुए जोरदार बहस की। इस पर माननीय अदालत ने एडवोकेट शेखर आनन्द गुप्ता की दलीलों पर सहमति जताते हुए ईश डूरेजा की जमानत याचिका स्वीकार कर उन्हें एक जमानती तथा 50 हजार रूपये के मुचलके पर रिहा करने के आदेश जारी कर दिए। लेकिन साथ ही अपने फैसले में यह भी कहा है कि वो बिना कोर्ट की परमिशन के भारत से बाहर नहीं जा सकते। इसके अलावा एडवोकेट राकेश सिंह ने मैनेजर अंजनि कुमार कंठ की जमानत करवाई है।
बता दें कि अधिवक्ता शेखर आनन्द गुप्ता की गिनती फरीदाबाद के उन चुनिंदा एडवोकेट्स में होती हैं जो क्राईम केसों में अपनी महारत रखते हैं। वे सीनियर एडवोकेट आनंद गुप्ता के सुपुत्र हैं।

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