Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 19 अक्टूबर:
चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय एसएसबी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने80 वर्षीय विदेशी मरीज के हृदय और रीढ़ की हड्डी की जटिल सर्जरी करके उसे नया जीवन दिया है। विदेशी मरीज 80 वर्षीय नाजी फराज जमेल जब एसएसबी हार्ट और मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल आए थे तो उन्हें दो मुख्य समस्याएं थी। उनके हृदय की सबसे बड़ी धमनी एलएडी बंद थी और उन्हें गंभीर न्यूरो समस्या सर्वाइकल और लम्बर स्पाइन में गंभीर पीड़ा थी। वृद्धावस्था में सह-रूग्णता वाले रोगियों में एक ही बार में सरवाइकल और लम्बर स्पाइन का ऑपरेशन करना एक बड़ी चुनौती थी। डॉ. भूपेंद्र ने एक ही बार में लम्बर स्पाइन और सर्वाइकल स्पाइन की नसों का डीकंप्रेसन किया और सर्जरी के दूसरे दिन से मरीज दर्द से मुक्त होकर चलने में सक्षम हो गया।

मरीज के दिल की एक नस जिसे एल.ए.डी. भी कहा जाता है वह पूरी 100 फीसदी बंद थी और यह बहुत ही कठिन ब्लॉक था। हालांकि तीन अस्पतालों के कार्डियोलॉजिस्ट ने इस कठिन ब्लॉक को खोलने का प्रयास किया। फिर भी वे इस कठिन ब्लॉक को खोल पाने में सफल नहीं हो सके क्योंकि धमनी में प्रवेश का रास्ता नहीं था और कोई तार रास्ते में प्रवेश नहीं कर पा रहा था क्योंकि ब्लॉक स्थल के स्त्रोत के पास से उभरने वाली दो ओर शाखाएं थीं, जिनमें तार टेढ़ी हो जा रहे थे। आखिरकार बायपास सर्जरी की सलाह दी गई लेकिन गंभीर न्यूरो समस्या और रोगी की पहले से ही अस्वस्थ स्थिति के कारण इस रोगी के लिए बायपास सर्जरी उपयुक्त नहीं थी। पहले सफल न्यूरोसर्जरी की गई, उनके दिव्यांगता को दूर करने के लिए और इस कठिन न्यूरोसर्जरी के दौरान हृदय का भी ध्यान रखा गया।

दो दिनों की न्यूरोसर्जरी के बाद डॉ० एसएस बंसल ने इस कठिन ब्लॉक को खोलने की चुनौती को स्वीकार किया जिसमें की 3 अस्पतालों में 3 प्रयास असफल हो गए थे। विशेष जापानी तार और कैथेटर्स का उपयोग और इंजेक्शन के साथ उन्होंने इस कठिन ब्लॉक को खोलने में सफलता पाई और उत्कृष्ट परिणाम मिला।

इस विदेशी मरीज के उपचार के दौरान दो गंभीर समस्याओं को हल किया गया। न्यूरोलॉजिकल और हृदय समस्या और मरीज का पूरा परिवार बहुत संतुष्ट है, वह एसएसबी हार्ट और मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के अनुभव से बेहद खुश है।

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