Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News, 25 मार्च:
सीएमओ डॉ० रणदीप सिंह पुनिया ने कहा कि कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिए आंगनवाड़ी वर्करों व आशा वर्करों की बहुत की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। आशा व आंगनवाड़ी वर्कर गांव की महिलाओं के साथ काफी करीब संपर्क में होती हैं और उन्हें पता होता है कि कौन सी गर्भवती महिला एमटीपी के लिए जा रही हैं। सीएमओ डॉ० पुनिया गोल्फ क्लब में चार दिवसीय आशा वर्कर प्रशिक्षण शिविर में संबोधित कर रही थी।
इस मौके पर डॉ० रणदीप सिंह पुनिया ने कहा कि अधिकतर महिलाएं दूसरी बार गर्भवती होने के पश्चात लिंग जांच व गर्भपात करवाती हैं। ऐसे में आंगनवाड़ी व आशा वर्करों को प्रत्येक महिला के विषय में जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुछ-कुछ आशा वर्कर गांवों में झगड़े की आशंका के चलते एमटीपी की सूचनाएं समय पर नहीं दे पाती। ऐसे में अब प्रत्येक ब्लाक में एक सुझाव व सूचना पेटी लगाई जाएगी। इसमें कोई भी आशा अथवा आंगनवाड़ी वर्कर अपना नाम बताए बगैर सूचना लिखकर डाल सकती हैं।
इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी अनिता शर्मा ने कहा कि पीएनडीटी पर निगरानी के लिए आशा वर्करों व आंगनवाड़ी वर्करों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि पहली बेटी होने के पश्चात दूसरी बार गर्भवती होने पर एमटीपी की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में आशा व आंगनवाड़ी वर्करों को इस समय काफी एहतियात बरतने की आवश्यकता है। पीसी पीएनडीटी ऐक्ट की उल्लंघना, रेड गतिविधि, इन्सेनटिव स्कीम और लिंगनुपात सुधारने पर आशा वर्करों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में जानकारी दी।
इस अवसर पर एडवोकेट रोहन गुप्ता, डॉ० गजराज, डॉ० हरजिंद्र, डॉ० नरेंद्र कौर, डॉ० हरीश, एडवोकेट संजय गुप्ता व डॉ० स्वर नूर उपस्थित रहे।

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