शोध कार्यों में गुणवत्ता लाये शोधकर्ता: प्रो० दिनेश कुमार
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 10 फरवरी: वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फरीदाबाद के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा शोधकर्ताओं के लिए शोधगंगा साहित्यिक चोरी निरोधी साफ्टवेयर तथा अनुसंधान आचरण को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञों तथा शोधकर्ताओं ने साहित्यिक चोरी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
कार्यशाला का उद्वघाटन कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने किया तथा कार्यशाला के विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर डीन फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग प्रो० संदीप ग्रोवर तथा डॉ० तिलक राज भी उपस्थित थे। कार्यशाला में इनफ्लिबनेट सेंटर गांधीनगर के वैज्ञानिक मनोज कुमार तथा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के लाइब्रेरियन डॉ० रमेश सी गौड मुख्य वक्ता रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रो० दिनेश कुमार ने साहित्यिक चोरी पर अंकुश लगाने के लिए साहित्यिक चोरी निरोधी साफ्टवेयर की उपयोगिता तथा शोध की गुणवत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं विद्यार्थियों शोधकर्ताओं और फैकल्टी सदस्यों के सही शैक्षणिक आचरण के लिए बेहद जरूरी है।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता मनोज कुमार ने शोधगंगा पर प्रकाश डाला तथा शोधगंगा पर थीसिस प्रस्तुत करने इसके प्रमाणीकरण बैकअप इत्यादि के साथ-साथ विश्वविद्यालय समंवयक भूमिका पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉ० रमेश गौड ने शोधगंगा की खूबियों तथा साहित्यिक चोरी निरोधी साफ्टवेयर के उपयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने शोध लेखन संबंधी आचरण एवं मानदंडों के बारे में भी जानकारी दी। इस अवसर पर साहित्यिक चोरी निरोधी साफ्टवेयर के उपयोग पर प्रस्तुतीकरण भी दिया गया।
कार्यशाला का संयोजन डॉ० मनीषा गर्ग डॉ० राजीव साहा और पीएन वाजपेयी ने किया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ० हरि ओम ने समापन उद्गार रखे तथा सभी वक्ताओं का धन्यवाद किया।

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