मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 16 जनवरी:
प्राची हॉस्पिटल मामले में स्टेट विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार किए गए डॉ. सुरेश पासी को तो कोर्ट ने एक दिन के पुलिस रिमांड के बाद आज न्यायिक हिरासत में नीमका जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है जबकि दूसरे आरोपी बीके हॉस्पिटल के डॉ. नवदीप सिंघल तबीयत बिगड़ जाने के चलते अभी तक बीके हॉस्पिटल में एडमिट है, हालांकि है वो न्यायिक हिरासत में ही। इनमें डॉ. सुरेश पासी जहां एसजीएम नगर स्थित पासी हॉस्पिटल के मालिक हैं तथा एनएच-5 के एच ब्लॉक में रहते हैं, वहीं डॉ. नवदीप सिंघल बीके हॉस्पिटल में सीनियर मेडिकल ऑफिसर हैं।
बता दें कि परसों वीरवार दोपहर को 4.5 लाख रूपये के साथ बीके हॉस्पिटल से स्टेट विजिलेंस द्वारा रंगे हाथों पकड़े पकड़े गए उक्त दोनों डाक्टरों को स्टेट विजिलेंस अपने सैक्टर-17 स्थित कार्यालय ले गई थी। बकौल विजिलेंस कागजी कार्यवाही के बाद जब विजिलेंस उक्त दोनों डॉक्टरों को मेडिकल के लिए बीके हॉस्पिटल लेकर गई थी तो वहां अचानक दोनों के सीने में दर्द हो गया जिस पर दोनों को वहीं बीके हॉस्पिटल में ही एडमिट करा दिया गया।
उसके बाद कल शुक्रवार, 15 जनवरी को बीके हॉस्पिटल के डॉक्टर ने जब मेडिकल इलाज कराने के बाद डॉ.सुरेश पासी को डिस्चार्ज कर दिया तो डॉ. सुरेश पासी को कल शुक्रवार को देर शाम करीब 7 बजे चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में पेश किया गया जहां विजिलेंस द्वारा डॉ. सुरेश पासी से 50 हजार रूपये की रिकवरी करने तथा साथी आरोपी डॉ. बीडी मखीजा जोकि प्राची हॉस्पिटल का मालिक है, को गिरफ्तार करने के लिए उसका तीन दिन का रिमांड मांगने पर उसको एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। उसके बाद आज शनिवार को दोबारा डॉ० सुरेश पासी को अतिरिक्त सेशन जज माननीय जेबी गुप्ता की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेज दिया गया।
ध्यान रहे कि वीरवार को बीके हॉस्पिटल के एक डॉक्टर सहित एक प्राईवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर को स्टेट विजिलेंस की टीम ने डीएसपी कैलाश चंद के नेतृत्व में गिरफ्तार किया था। इन दोनों डॉक्टरों पर एसजीएम नगर निवासी नवीन कुमार की बुजुर्ग माताजी की मौत के मामले को रफा-दफा करने के लिए सीएम विंडो पर हुई शिकायत को वापिस करवाने के लिए लेन-देन करने का आरोप था। इस मामले में बीके हॉस्पिटल के डॉ. नवदीप सिंघल तथा एसजीएम नगर स्थित प्राईवेट पासी हॉस्पिटल के मालिक डॉ. सुरेश पासी जांच अधिकारी थे जोकि सीएमओ के आदेश पर शिकायतकर्ता नवीन कुमार की शिकायत की जांच कर रहे थे।
बता दें कि एसजीएम नगर निवासी नवीन कुमार पुत्र खजान की माता का इलाज एनएच-3 में चिमनीबाई धर्मशाला के सामने स्थित प्राची हॉस्पिटल में हुआ था जहां उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में नवीन ने प्राची हॉस्पिटल के मालिक डॉ. बीडी मखीजा, डॉ. अमित और डॉ. आनंद आदि डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ गत् 17 अगस्त, 2020 को सीएम विंडो पर एक शिकायत की थी। इस शिकायत की जांच सीएमओ फरीदाबाद द्वारा गठित बोर्ड कर रहा था जिसमें बीके हॉस्पिटल के डॉ. नवदीप सिंघल और एसजीएम नगर स्थित पासी हॉस्पिटल के मालिक डॉ. सुरेश पासी शामिल थे।
शिकायतकर्ता नवीन कुमार का आरोप था कि डॉ. नवदीप सिंघल और डॉ. सुरेश पासी दोनों ही उस पर इस शिकायत को वापिस लेने के लिए दबाव बना रहे थे। यहीं नहीं शिकायत वापिस लेने पर उक्त दोनों डॉक्टरों द्वारा उन्हें 6 लाख रूपये दिलवाने जिसमें से 5 लाख नवीन कुमार को और एक लाख उक्त दोनों डॉक्टरों को देने का आरोप नवीन द्वारा लगाया गया। शिकायतकर्ता नवीन के मुताबिक इसके लिए डॉ. सुरेश ने उन्हें 50 हजार रूपये एडवांस भी दिए और बाकी के 4.5 लाख रूपये समझौते के समय देने की बात कही गई।
नवीन कुमार ने इस मामले की लिखित शिकायत स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के सैक्टर-17 स्थित ऑफिस में कर दी जिस पर डीएसपी विजिलेंस कैलाश चंद के नेतृत्व में एक रेडिंग पार्टी तैयार की गई तथा जिला उपायुक्त के आदेश से नायब तहसीलदार जान मोहम्मद को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया।
तत्पश्चात रेडिंग पार्टी वीरवार दोपहर को करीब 4.30 बजे बीके हॉस्पिटल पहुंची जहां विजिलेंस द्वारा उपरोक्त दोनों डॉक्टरों नवदीप सिंघल और डॉ. सुरेश पासी को भ्रष्ट्राचार निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि आरोपित बीके हॉस्पिटल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. नवदीप सिंघल की धर्मपत्नी और माताजी दोनों को ही कैंसर है और डॉ. नवदीप सिंघल के स्वयं के फेफड़े भी खराब बताए जा रहे हैं तथा वे स्वयं स्वच्छ छवि के हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि डॉ. नवदीप सिंघल को हो सकता है किसी षडयंत्र के तहत फंसाया गया हो।
जो भी हो, फिलहाल तो दोनों डॉक्टर कानून के शिकंजे में फंस ही चुके हैं। देखना यह है कि इस मामले में भविष्य में क्या सच्चाई निकल कर सामने आती है।

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