Metro Plus से Jassi Kaur की रिपोर्ट
Faridabad News, 12 अगस्त:
एनएसयूआई ने एमएचआरडी कार्यालय में विरोध मार्च निकाला और छात्र विरोधी नीतियों और छात्र चिंताओं के प्रति उदासीन रवैये के जवाब में घेराव किया। एनएसयूआई ने मांग की है कि सभी स्कूलों की 6 महीने की स्कूल फीस माफ और कोविड की स्थिति में आयोजित करने के लिए परिस्थितियां उपयुक्त होने तक सभी परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की है। हम दुनिया भर में प्रतिदिन अधिकतम मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं और अभी भी एमएचआरडी परीक्षा आयोजित करने पर जोर दे रहे हैं। इसे हर हाल में रोकना होगा।
विरोध मार्च का नेतृत्व राष्ट्रीय महासचिव नागेश करिअप्पा, अर्जुन छपराना, राष्ट्रीय समन्वयक, अविनाश यादव राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली राज्य कमेटी के सचिव अंकित सिंह ने किया। छात्र की चिंताओं के प्रति एमएचआरडी की घृणा ने पुलिस को विरोध को रोकने के लिए व्यवस्था की। जैसे ही विरोध आक्रामक हुआ, पुलिस ने एनएसयूआई के स्वयंसेवकों और नेताओं को हिरासत में ले लिया, जिनमें नागेश, अर्जुन और विकास शामिल थे।
इस अवसर पर एनएसयूआई के उपाध्यक्ष विकास फागना भी फरीदाबाद से अपने साथियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आम आदमी अपनी रोजी रोटी के लिए लड़ रहा है लेकिन सरकार शिक्षण संस्थान को लाभ पहुचंने के लिए अभिभावकों को फीस देने के लिए मजबूर कर रही है। ऐसे में सरकार को इस समय दयालु रूप और समझदारी दिखानी चाहिए और छह महीने की फीस माफ कर देनी चाहिए। प्रोटेस्ट मार्च केवल छात्रों की चिंता का एक संकेत है। अब जबकि एमएचआरडी छात्रों के खिलाफ युद्ध छेडऩे के लिए दृढ़ है, हम यह भी दिखाएंगे कि छात्र अभिमानी रवैये के खिलाफ क्या कर सकते हैं।
इस मौके पर प्रदर्शन में फरीदाबाद से अभिषेक चपराना, लोकेश चौधरी, पियूष सिंह, अवधेश गुप्ता, सन्नी बादल, विशाल, मोहित आदि छात्र शामिल हुए।

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