नवीन गुप्ता
चडीगढ़, 29 दिसंबर:
गांवों के साथ-साथ अब ‘शहरी सरकार’ भी पढ़ी-लिखी होगी। सरपंची के लिए तय दसवीं की योग्यता से दो कदम आगे बढ़ते हुए प्रदेश सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने की शैक्षिक योग्यता बारहवीं करने का फैसला लिया है। इस फैसले पर आज कैबिनेट की बैठक में मुहर लग सकती है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के इस प्रस्ताव को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपनी मुहर लगा दी है। आज होने वाली कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य सरकार शहरी स्थानीय निकाय कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी करेगी। गौरतलब है कि प्रदेश में 15 नगर परिषदों और 27 नगर पालिकाओं के चुनाव लंबित हैं। पिछले करीब 6 महीनों से इन परिषदों व पालिकाओं को सरकार ने प्रशासकों के हवाले किया हुआ है।
पूरी करनी होंगी ये शर्तें
– सामान्य श्रेणी के पार्षद पदों के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य होगा।
– अनुसूचित जाति एवं महिलाओं के लिए यह योग्यता दसवीं तय की गई है।
– बिजली विभाग व बैंकों के डिफाल्टरों के चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी।
– अगर ऐसे लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उन्हें बकाया का भुगतान करना होगा।
– संगीन मामले में चार्जशीट हो चुके लोगों के चुनाव लड़ने पर पूर्णत रोक रहेगी।
– घर में चालू हालत का शौचालय नहीं होने पर भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे

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