मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 4 जनवरी:
नगर निगम फरीदाबाद के अंर्तगत NIT जोन में अवैध निर्माणों के नक्शो के कैंसिल और FIR करने को लेकर आजकल एक अजीब सा ही खेल चल रहा है। इस काम में चूज एंड पिक के आधार पर निगम प्रशासन द्वारा जमकर भेदभाव बरता जा रहा है।
आरोप है कि ऐसे ही एक मामले में नगर निगम द्वारा जहां BK-हार्डवेयर रोड़ पर काली माता मंदिर के सामने 1F/41, BP, NIT में रिहायशी प्लॉट पर बन रही बहुमंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग का नक्शा, जोकि रिहायशी पास था, को कैंसिल कर उसके खिलाफ पुलिस को FIR करने तक दर्ज करने के लिए आज लिख दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ उससे ठीक 10 प्लॉट आगे माता श्री वैष्णोदेवी मंदिर के सामने 1F/31, BP, NIT में भी इसी तरह रिहायशी प्लॉट पर बहुमंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग बन रही है। लेकिन उसके खिलाफ निगम द्वारा कोई कार्यवाही अमल में नहीं ला जा रही। यह दोगली कार्यवाही नगर निगम की कार्यप्रणाली पर खुद ही एक सवालिया निशान है।
चर्चा है कि 1F/31, BP को बनाने वाला बिल्डर अपने आपको एक निगम अधिकारी का खासमखास बताता फिरता है जिसके चलते ही शायद 1F/31, BP पर कोई कार्यवाही की जा रही जबकि 1F/41, BP का नक्शा कैंसिल उसके खिलाफ आज पुलिस को भी लिख दिया गया। बताते हैं कि इस काम को कराने में उसी बिल्डर का हाथ है जोकि 1F/31, BP को बना रहा है। शायद वह नहीं चाहता कि NIT में कोई दूसरा बिल्डर उसके सामने प्रतिद्वंदी के तौर पर खड़ा हो। ये दोनों ही बिल्डर सिख समुदाय के बताए जाते हैं जोकि आपस में कट्टर प्रतिद्वंदी हैं। जिस समय एफआईआर का लैटर जारी हो रहा था, उस समय आरोपी बिल्डर निगम कार्यालय में ही मौजूद था, जो आरोपों का कहीं ना कहीं सच साबित करने के लिए काफी हो सकता है। इस बारे में बिल्डर का पक्ष जानने के लिए उनको फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बता दें कि 1F/41, BP, NIT में रिहायशी प्लॉट पर रिहायशी नक्शा पास कराकर बहुमंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग निर्माण पिछले काफी समय से किया जा रहा है। नगर निगम प्रशासन इस बिल्डिंग में जहां कई बार निर्माण कार्यं को रूकवा चुका हैं, वहीं नाममात्र की यहां तोडफ़ोड़ भी कर चुका है। बावजूद इसके उक्त प्लॉट पर निर्माण कार्य जारी है। इसी के चलते ज्वाईंट कमिश्रर, NIT ने स्वयं उक्त साईट का निरीक्षण करने के बाद 28 दिसम्बर, 2020 को इस बिल्डिंग का नक्शा, जोकि रिहायशी पास था, को कैंसिल/Revoked करने के आदेश जारी कर तोडफ़ोड़ विभाग के SDO और JE को इस मामले में आवश्यक कार्यवाही करने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद भी वहां निर्माण जब बदस्तूर जारी रहा तो आज संयुक्त आयुक्त इस मामले में थाना कोतवाली SHO को हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला और बार-बार मना करने के बाद भी अनाधिकृत निर्माण करते रहने पर प्लॉट मालिक के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए लिख दिया है।
ध्यान रहे कि यह वही बिल्डिंग है जिसका जेब बेसमेंट खोदा गया था तो बगल वाले पड़ोसी जिंदल पाईप वाले की दीवार गिर गई थी। उस समय भी मौके पर पहुंचे ज्वाईंट कमिश्रर ने इस बिल्डिंग को सील करने की बात कही थी। चूंकि उस समय जिंदल पाईप वाले को अपनी दुकान की दीवार ठीक करनी थी इसलिए यह सील होने से रह गई थी।
उपरोक्त मामले में संयुक्त आयुक्त NIT का कहना था कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी उक्त निर्माण कार्य जारी था जिसके चलते ये कार्यवाही अमल में लाई गई। वहीं साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्लॉट होल्डर सुनील कुमार ने स्वयं भी गत् 1 जनवरी को निगम को लिखित अंडरटेकिंग दे रखी है कि उनका बिल्डिंग प्लॉन नार्मस के मुताबिक पास है और फिर भी कुछ वॉयलेशन है तो वह कम्पाऊंडिंग फीस भरने के लिए तैयार है। यहीं नहीं, उसने लिखा है कि उन्होंने निगम पॉलिसी के मुताबिक चेंज ऑफ लेंड यूज (CLU) चार्जेस भी जमा करा रखे हैं, जो CLU मैटर फिलहाल हाईकोर्ट में पेंडिंग हैं।
वहीं एक सवाल यह भी उठ रहा है कि जब CLU पॉलिसी पर स्टे लगा हुआ है तो फिर निगम के किस कर्मचारी ने सीएलयू की फीस जमा की और वह फीस स्टे से पहले जमा कराई गई या बाद में, यह जांच का विषय है।
संयुक्त आयुक्त NIT का उक्त बारे में कहना था कि निर्माणकर्ता ने स्वयं ही मान लिया है कि वो अवैध निर्माण कर रहा है जिसका की CLU नहीं हुआ है। इसलिए उन्होंने निगम की अपनी उक्त कार्यवाही को अंजाम दिया है।
अब देखना यह है कि 1F/31, BP और 1F/41, BP दोनों के मामले में नगर निगम और पुलिस क्या कार्यवाही अमल में लाते हैं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *