Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News,1 अक्टूबर:
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा 44 लेबर लॉज के स्थान पर चार लेबर कोड्र्स बनाने का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि यह लेबर कोड्स निश्चित रूप से उद्योगों की आवश्यकता और श्रमिकों के अधिकारों में सामंजस्य बनाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी सिद्ध होंगे।
श्री मल्होत्रा के अनुसार लेबर कोड्स में जो प्रावधान दिखाई दे रहे हैं उनसे साफ है कि उद्योगों में कामगारों व प्रबंधन के बीच बेहतर तालमेल के साथ-साथ उत्पादकता, आपूर्ति तथा वस्तुओं व सेवाओं के वितरण में काफी मजबूती मिलेगी जोकि स्वागत योग्य कदम है।
श्री मल्होत्रा ने लेबर कोड्स में क्लासीफिकेशन, पेमेंट पर इन्फरमेशन, छुट्टियों व टर्मिनेशन 100 से बढ़ाकर 300 श्रमिक पर विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे निश्चित रूप से कंप्लाईसिंस की दिशा में सहायता मिलेगी।
लेबर कोड्स में हड़तालों पर रोक के लिए किए गए प्रावधान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते श्री मल्होत्रा ने कहा है कि श्रमिकों व औद्योगिक हड़ताल अब कठिन होगा। कोड्स के अनुसार श्रमिकों की छंटनी के लिए पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। श्री मल्होत्रा ने स्पष्ट करते कहा है कि वर्तमान परिवेश में यह इसलिए भी सराहनीय कदम है क्योंकि स्किल्ड श्रमिक की मांग निरंतर बनी रहती है और वह संस्थान का एक असेट होता है जिसे कोई भी अलग नहीं करना चाहता। इसके साथ ही लिंग आधार पर किसी भी प्रकार के वेतन में विसंगति तथा एक समान कार्य के लिए किए गए प्रावधानों की भी श्री मल्होत्रा ने सराहना की है।
उद्योगों के लिए दो की बजाए एक निरीक्षक की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते श्री मल्होत्रा ने कहा है कि यह वास्तव में एक सुधारात्मक कदम है जिससे न केवल मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी बल्कि समय की बचत होगी और विवादों पर भी विराम लगेगा।
श्री मल्होत्रा ने विश्वास व्यक्त किया है कि लेबर कोड्स के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ठोस कार्यनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने इसके साथ-साथ आग्रह किया है कि संबंधित नियमों व नीतियों को सरलीकृत, पारदर्शी बनाया जाना चाहिए और जटिलताओं से परे ऐसी नीति तैयार की जानी चाहिए जो सभी की समझ में आ सके ताकि श्रमिक व प्रबंधन दोनों को इसका लाभ स्थाई रूप से मिल सके।

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