मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
फरीदाबाद, 5 दिसम्बर:
सिख समुदाय से संबंध रखने वाला एक ठेकेदार मुख्यमंत्री कार्यालय यानि CMO के नाम पर बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में धड़ाधड़ अवैध निर्माण कर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्लॉटों के रिहायशी नक्शे पास कराकर उन पर अवैध रूप से बहुमंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग बनाने में महारत हासिल कर चुके इस ठेकेदार ने बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में एनआईटी के एनएच-1,2,3 व 5 को अपना गढ़ बना रखा है जहां ये चंद अधिकारियों की मिलीभगत से दिन-रात अवैध निर्माण कर सरकार को करोड़ों के राजस्व का चुना लगाने में लगा हुआ है। और नगर निगम अधिकारी हैं कि इस ठेकेदार की अवैध बिल्डिंगों को तोडऩा तो दूर उनकी तरफ ताकने की जहमत तक नहीं उठाते हैं।
लेकिन भविष्य में शायद अब ऐसा ना हो। फिलहाल जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक निगम के एक बड़े अधिकारी के आदेश पर सिख समुदाय से संबंध रखने वाला इस ठेकेदार द्वारा रिहायशी नक्शे की आड़ में अवैध रूप से बनाई जा चुकी और बनाई जा रही बहुमंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंगों की लिस्ट तैयार की जा रही है।
हाल-फिलहाल जो लिस्ट तैयार हुई बताई जा रही है उनमें एनएच-1 मार्किट में मिलाप दवाखाने से पहले दिन-रात हो रहा अवैध निर्माण, आर्य समाज रोड़ पर निर्माणाधीन एक शोरूम, तिकोना पार्क मार्किट में सरकारी स्कूल के सामने बन रही बहुमंजिला ईमारत, एनएच-3 में चिमनीबाई धर्मशाला और डीएवी कॉलेज के बीच हो रहा अवैध निर्माण शामिल है। इसके अलावा एनआईटी में कई ओर भी जगह इस ठेकेदार के अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं जिसकी जानकारी हम आपको अपनी अगली खबर में देंगे।
इन अवैध निर्माणों को दिलवाने व करवाने में इस ठेकेदार का सहयोग करने में प्रदेश स्तरीय व्यापारिक संगठन के एक जिला स्तरीय तथाकथित व्यापारी नेता का नाम भी सामने आ रहा है जोकि व्यापारियों के नाम पर राजनेताओं की चापलूसी करते अक्सर देखा जाता है।
बता दें कि अपने आपको मुख्यमंत्री के प्रिंसीपल सेक्रेटरी सहित कई आईएएस अधिकारियों का खासमखास और उनसे अपने दोस्ताना/लंगोटिया संबंध बताकर ये ठेकेदार नगर निगम फरीदाबाद में रिहायशी प्लॉटों की CLU कराए बिना उन पर धड़ाधड़ बहुमंजिला व्यवसायिक ईमारत बनाकर सरकार व नगर निगम को करोड़ों रूपये के राजस्व का चूना लगाने में पिछले काफी अर्से से लगा हुआ है। उक्त अधिकारियों का खासमखास बताकर निगम के संबंधित अधिकारियों पर रौब झाडऩे वाले इस ठेकेदार का खुला चैलेंज होता है कि कोई भी अधिकारी उसके अवैध निर्माण की तरफ आंख उठाकर तक नहीं देख सकता, तोडऩा तो रही दूर की बात।
हां, इस ठेकेदार की एक खास बात यह है कि वह अवैध निर्माण कराने से पहले नक्शा तो निगम से पास जरूर कराता है लेकिन रिहायशी और फिर उस रिहायशी नक्शे की आड़ में बिना किसी सीएलयू के प्लॉट पर पूरी तरह से बहुमंजिला व्यवसायिक ईमारत तैयार कर सरकार और नगर निगम को करोड़ों रूपये के राजस्व का चूना लगा देता है। और संबंधित अधिकारी है कि इस ठेकेदार द्वारा दिए गए नोटों के बंडल की रोशनी में आंखें मूंदे बैठे रहते हैं।
अब देखना यह है कि निगम के आला अधिकारी का कहर किस दिन इस सिख समुदाय के ठेकेदार द्वारा करवाए जा रहे अवैध निर्माणों पर बरपता है जिससे कि सरकार व नगर निगम को करोड़ों के राजस्व का चूना लग रहा है। जबकि उक्त ठेकेदार का दावा है कि उसने निगमायुक्त के पास मुख्यमंत्री कार्यालय यानि सीएमओ से फोन करवा दिया है, इसलिए अब उन्हें किसी का खतरा नहीं हैं।
गौरतलब रहे है कि नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण का कार्य एक बड़े व्यवसाय के रूप में पनप रहा है। जिस वजह से निगम को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा हैं वहीं इस अवैध निर्माण के धंधे को शह देकर निगम अधिकारी अपनी-अपनी तिजोरियां दिन-प्रतिदिन भरने में लगे हुए हैं। निगम क्षेत्र में चंद ऐसे ठेकेदारों का गिरोह सक्रिय है या कहिए बोलबाला है जोकि अवैध निर्माण करने के लिए निगम अधिकारियों से अपनी सैटिंग के चलते प्लॉट मालिक से मुंहमांगे दाम वसूलते है। इन ठेकेदारों की गारंटी होती है कि जिस प्लॉट पर वो निर्माण करेंगे उस पर निगम का तोडफ़ोड़ दस्ता अपनी दृष्टि/नजर नहीं मारेगा। – क्रमश:

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