मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
चंडीगढ़, 5 सितंबर
: हरियाणा कैडर की 1990 बैच की IAS अधिकारी डॉ. सुमिता मिश्रा, हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में एक ऐसा नाम है जिसने अपने कार्योे के चलते हरियाणा प्रदेश को पूरे भारत में एक अलग ही पहचान दिलाई है। चाहे वह क्रेच पॉलिसी हो जिसने हरियाणा को पूरे भारत में इसे लागू करने वाला पहला राज्य बनाया हो, चाहे हरियाणा को कुपोषित परिवारों से टेली कॉलिंग हब के ज़रिए सीधा संवाद कराने की बात हो, हरियाणा को कई मामलों में उन्होंने ही अव्वल दर्जा दिलाया है।
यहीं नहीं, सरकार की योजनाओं के जमीनी स्तर पर सुनिश्चित करने वाली डॉ. सुमिता मिश्रा के कार्यकाल में ही महिला एवं बाल विकास विभाग को जहां मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के लिए गोल्ड स्कॉच अवार्ड मिला, वहीं हरियाणा के बिना बिजली वाले 12 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव लाने के साथ उसका अनुमोदन कराना भी डॉ. सुमिता मिश्रा की ही कोशिशों का परिणाम है।

हरियाणा सरकार में विभिन्न पदों को गौरवमयी कर चुकी हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की एसीएस डॉ. सुमिता मिश्रा को सरकार ने अब चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग एवं खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले की अतिरिक्त मुख्य सचिव लगाया है।

डॉ. सुमिता मिश्रा का ही प्रयास था कि हरियाणा क्रेच पॉलिसी लाने वाला भारत का पहला राज्य बना। कामकाजी महिलाओं के सम्मान में डॉ. सुमिता मिश्रा द्वारा उठाया गया यह बड़ा कदम था। इसी बीच महिला एवं बाल विकास विभाग और संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के बीच समझौता हुआ जिससे पोषण और लिंग सशक्तिकरण के क्षेत्र में विभाग के काम को मजबूत करने के लिए ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता के हस्तांतरण और आदान-प्रदान की सुविधा मिलेगी।

सरकार की योजनाओं के जमीनी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने वाली डॉ. सुमिता मिश्रा की अगुवाई में महिला एवं बाल विकास विभाग ने बड़ा आकार लिया। जनता ने भी इसकी जमकर तारीफ की। महिला एवं बाल विकास में इतने कम समय में इतना प्रभावी काम करने वाली डॉ. सुमिता मिश्रा को अब नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले का भी अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है। निश्चय ही सरकार को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। अपने हुनर और कुशल कार्य व्यवहार से निश्चय ही वे उक्त विभागों को नयी ऊँचाई देंगी।

बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग को पिछले कुछ महीनों में नयी ऊंचार्ईया देने वाली और जीव-जंतुओं से बेपनाह प्यार करने वाली डॉ. सुमिता मिश्रा एक जानी-मानी साहित्यकार भी है। उन्होंने लम्हों की शबनम आदि कई रचनात्मक पुस्तकें भी लिखी हैं। एक कवियत्री के तौर पर डॉ. सुमिता मिश्रा को कई सम्मानों से नवाजा भी जा चुका है। वे चंडीगढ़ लिटरेशी सोसायटी की चेयरपर्सन भी हैं।

वहीं डॉ. सुमिता मिश्रा का स्वयं का मानना है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान उनकी पूरी टीम की कड़ी मेहनत और सहयोग के चलते ही उन्हें महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग का संचालन करने और कई सारी योजनाओं के कार्यान्वयन में मदद मिली। डॉ. मिश्रा ने अपनी इस टीम के अनुभव और हरियाणा की महिलाओं एवं बच्चों हेतु अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं के अनुसार सेवा करने के अवसर के लिए आभार भी व्यक्त किया है।

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