कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह को भव्य रूप देने के लिए शिल्पकार अपनी-अपनी कला का हुनर प्रदर्शित करेंगे
नवीन गुप्ता/दिव्या बहल
चण्डीगढ़, 9 दिसम्बर:
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल की पहल पर हर वर्ष मनाए जाने वाला गीता जयंती समारोह इस वर्ष प्रदेश के सभी 21 जिलों में बड़े स्तर पर भव्यता के साथ 19 से 21 दिसम्बर, 2015 तक मनाया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि गीता जीवन का सार है। सभी लोगों को गीता के उपदेशों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने जीवन में गीता के ज्ञान को सम्माहित करना चाहिए। आज की युवा पीढ़ी को पवित्र ग्रन्थ गीता का ज्ञान से अपने जीवन में प्रकाश लाना चाहिए।भगवान श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र की पावन धरा पर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया। गीता का महत्व पूरी दुनिया में है। उन्होंने बताया कि कुरूक्षेत्र का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिï से न केवल भारत में बल्कि विश्व में विशेष महत्व है इसे भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की जन्मस्थली और आध्यात्मिक चिंतन का प्राचीनतम केन्द्र माना जाता है।
उन्होंने बताया कि सभी जिलों में तीन दिन तक गीता महोत्सव आयोजन किया जाएगा और इस दौरान क्राफ्ट मेलों व प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। अतिरिक्त उपायुक्तों को इस महोत्सव के लिए विशेष जिम्मेवारी सौंपी गई है। कुरूक्षेत्र में 19 से 21 दिसम्बर, 2015 तक राज्य स्तरीय समारोह के कार्यक्रम चलेंगे। कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह को भव्य रूप देने के लिए राष्ट्रीय स्तर के सारस मेले में विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूहों के शिल्पकार अपनी-अपनी कला का हुनर प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने बताया कि गत् वर्ष गीता जयंती के 5151वर्ष पूरे होने पर नई दिल्ली के लाल किले पर भी गीता जयंती समारोह को परम्परा के अनुसार मनाया गया था और इसे राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने सभी जिलों में गीता जयन्ती समारोह का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
प्रवक्ता ने बताया कि 20 दिसम्बर को सभी जिलों में शिक्षा विभाग के सहयोग से भगवद गीता पर सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा। 21 दिसम्बर को गैर-सरकारी संगठनों, सामाजिक एवं धार्मिक व अन्य संस्थानों के सहयोग से नगर शोभा यात्राएं निकाली जाएंगी। जिला शिक्षा अधिकारी अपने-अपने जिलों में 51-51 लड़के व लड़कियों का चयन करेंगे जो शोभा यात्रा के दौरान गीता के श्लोकों का उच्चारण करेंगे। उन्होंने बताया कि पहली से 18 दिसम्बर, 2015 तक ‘गीता का मेरे जीवन पर प्रभावÓ निबंध प्रतियोगिता, पेंटिग, सलोगन तथा गीता के श्लोकों का उच्चारण जैसी विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाएगा तथा विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के लिए क्रमश: 11,000, 5100 व 2100 रुपये के नकद पुरस्कार दिए जाएंगे जो महोत्सव के अंतिम दिन 21 दिसम्बर को सभी जिलों में सांस्कृतिक संध्या एवं पुरस्कार वितरण समारोह में प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सूचना जन सम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा हरियाणा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला क्षेत्र, पटियाला के सौजन्य से विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों के माध्यम से लोक नृत्य और लोक गीतों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे जिनमें हिमाचल प्रदेश का सिरमौरी नाटी, जम्मू-कश्मीर का रूफ नृत्य, ओडि़सा का गोटी पुआ, पंजाब भंगडा व जिंदुआ, महाराष्ट्र का सोंगी मुखाटे, मध्य प्रदेश का घनघौर, गुजरात का डांगी व सिद्धि धमाल नृत्य और उत्तर प्रदेश के मयूर नृत्य पर एक साथ शानदार प्रस्तुतियां दी जाएंगी और एक मंच पर ही उत्तर भारत की संस्कृति को देखा जा सकेगा।

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