डॉ० सुमिता मिश्रा ने राज्यपाल व सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट कर किया सम्मानित
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद 15 फरवरी: 30वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का भ्रमण करते हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि सूरजकुंड मेला सांस्कृतिक रूप से समृद्धशाली है जो शिल्पकला को निखार रहा है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प स्व. रोजगार को मजबूती देता है जिसके प्रचार-प्रसार में सूरजकुंड की विशेष भूमिका है। उन्होंने मेले में हिस्सा लेने वाले सभी शिल्पकारों और कलाकारों का अभिनंदन किया।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत रविवार की सांयकाल अपने भाई प्रेम सिंह तथा अन्य सदस्यों के साथ सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का भ्रमण करने के लिए पहुंचे। उन्होंने कुछ स्टालों का भ्रमण करने उपरांत मुख्य चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया। उनके सम्मान में देशी-विदेशी कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनूठी प्रस्तुति दी।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सूरजकुंड के बढ़ते स्वरूप पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प में हिंदुस्तान के शिल्पकारों ने विश्व में नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला हस्तशिल्प को समर्पित है। जिसे अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मेले में करीब दो दर्जन देशों की भागीदारी सूरजकुंड के महत्व एवं विशालता को दर्शाता है।
इस दौरान पर्यटन हरियाणा की प्रधान सचिव डॉ० सुमिता मिश्रा ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा उनके भाई प्रेम सिंह और अन्य सदस्यों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। राज्यपाल के साथ उपस्थित समाजसेवी राकेश जैन को भी डॉ० सुमिता मिश्रा ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सुशोभित किया। इसके पहले डॉ० सुमिता मिश्रा ने राज्यपाल तथा उनके पारिवारिक सदस्यों का स्वागत करते हुए मेले के विषय में संक्षिप्त जानकारी दी। इस मौके पर बड़ी संख्या में कलाकार तथा दर्शक मौजूद थे।

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