मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फ़रीदाबाद, 14 दिसंबर:
जिले के प्राइवेट स्कूलों की अग्रणीय संस्था फरीदाबाद प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस (FPSC) के प्रधान नरेंद्र परमार ने प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग से प्रदूषण के कारण बंद स्कूलों को खोलने की अपील की है। परमार ने कहा है पिछले लगभग दो वर्षों से कोरोना महामारी के चलते देश एवं प्रदेश के सभी स्कूल बंद रहे। केवल ऑनलाइन कक्षाओं के भरोसे ही पठन पाठन का कार्य हुआ जबकि प्रमाणिक जानकारी के मुताबिक ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ मात्र 10 से 20 प्रतिशत छात्र ही ले सके। शेष 80 प्रतिशत बच्चे सुविधाओं के अभाव में शिक्षा से वंचित रह गए। ऑनलाइन कक्षाओं के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति ही हुई। वहीं जब पुनः स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं संचालित होनी शुरू हुई तो प्रदूषण के नाम पर पिछले 20 दिनों से दिल्ली से सटे हरियाणा प्रदेश के चार जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए।
श्री परमार ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि दिवाली के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत बुरे स्तर पर था। लेकिन जिस दिन से शिक्षा विभाग ने प्रदूषण के कारण स्कूल बंद किए हैं उसी दिन से दिन में अच्छी खासी धूप निकल रही है। वहीं उन्होंने DCPCR के चेयरपर्सन अनुराग कुंडू के बयान का भी हवाला दिया कि बिना तथ्य स्कूल बंद करना एक बुरी पॉलिसी है।
FPSC के प्रधान नरेंद्र परमार ने कहा कि पिछले दो सालों से स्कूल बंद रहने के कारण वैसे ही बच्चों की पढ़ाई का स्तर बहुत चिंताजनक स्थिति में आ गया है। वहीं हर समस्या के समाधान के हल के लिए स्कूल बंद करने का फैसला बच्चों एवं देश की आने वाली पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसलिए शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह स्कूलों के समय में परिवर्तन कर समय सीमा 9 बजे से दोपहर एक बजे तक कर दें क्योंकि प्रदूषण दिन के समय नहीं होकर केवल शाम से सूरज निकलने तक ही होता है।
श्री परमार ने कहा कि दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री ने भी एयर क्वालिटी मैनेजमेंट चेयरमैन डॉ. एम एम कुट्टी से दिल्ली में स्कूल खोलने का प्रस्ताव भेजा है तो हरियाणा सरकार को भी प्रदेश में बंद चार जिलों के स्कूलों को तुरन्त खोलने के आदेश देने चाहिए।

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