मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट।
चंडीगढ़, 8 नवंबर:
हरियाणा प्रदेश में 22 सामान्य (राजस्व ) ज़िलों और एक विशेष पुलिस ज़िले हांसी ( हिसार) में मौजूदा तैनात पुलिस प्रमुखों में से तीन जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था हैं, इसलिए यहाँ पर जिला SP की बजाए न्यूनतम IG (इंस्पेक्टर जनरल – पुलिस महानिरीक्षक) रैंक के वरिष्ठ IPS अधिकारी बतौर पुलिस कमिश्नर तैनात किये जाते हैं।
गुरुग्राम की मौजूदा पुलिस कमिश्नर 1994 बैच की महिला IPS कला रामचंद्रन हैं जो ADGP(अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ) रैंक में है। पंचकूला पुलिस कमिश्नर का वर्तमान में अतिरिक्त कार्यभार 1995 बैच के IPS अधिकारी संदीप खिरवार, जो मुख्यतः प्रदेश के ADGP ( कानून-व्यवस्था- ला एंड आर्डर) है, के पास है। वहीं फरीदाबाद में 1998 बैच के IPS विकास अरोड़ा, जोकि IG रैंक के हैं, पुलिस कमिश्नर हैं।
बहरहाल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि CRPC (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 में जिला मजिस्ट्रेट (DM-ज़िलाधीश), सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM-उपमंडलाधीश ) या राज्य सरकार द्वारा विशेष तौर पर प्राधिकृत एग्जीक्यूटिव (कार्यकारी ) मजिस्ट्रेट अपने-अपने सम्बंधित ज़िले/क्षेत्र में उपरोक्त आदेश आदि जारी कर सकते है।
हालांकि जहाँ तक प्रदेश के तीन ज़िलों जिसमें से दो प्रदेश के दो महानगर- गुरुग्राम और फरीदाबाद भी शामिल हैं एवं एक पंचकूला का विषय है, तो इन तीनों में गुरुग्राम (पहले गुडगाँव ) में जून, 2007 में, फरीदाबाद में अगस्त, 2009 में जबकि पंचकूला में अक्टूबर 2016 में पुलिस कमिश्नरेट स्थापित किया गया था।
वास्तव में अगस्त, 2011 में अंबाला और पंचकूला जिलों के लिए संयुक्त पुलिस कमिश्नरनरेट स्थापित किया गया था परंतु अक्टूबर, 2016 में उसमें से अंबाला जिले को बाहर निकालकर केवल पंचकूला जिले के लिए पुलिस कमिश्नरनरेट कायम रखा गया.
एडवोकेट हेमंत ने बताया कि उक्त तीनो ज़िलों में पुलिस कमिश्नर स्थापित करने की गजट नोटिफिकेशन, जो प्रदेश के गृह विभाग द्वारा जारी की गई थी, में से केवल पंचकूला ज़िले के पुलिस कमिश्नर को ही CRPC (दंड प्रक्रिया संहिता ), 1973 की धारा 20 (1 ) में एग्जीक्यूटिव (कार्यकारी ) मजिस्ट्रेट जबकि धारा 133 और 144 में ज़िलाधीश (DM) की शक्तियां प्रदान की गयी हैं, जबकि उनके अधीन तैनात DCP (पुलिस उपायुक्त ) एवं ACP (सहायक पुलिस आयुक्त) को हालांकि एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की गयी है। इस प्रकार पंचकूला ज़िले में धारा 144 में निषेधाज्ञा आदि के आदेश न केवल वहां तैनात पुलिस कमिश्नर के द्वारा बल्कि उसके अधीन आने वाले DCP/ACP द्वारा भी जारी किये जा सकते हैं।
ज्ञात रहे कि अगस्त, 2017 में पंचकूला स्थित CBI अदालत द्वारा जब डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा दी जानी थी, तो उस समय पंचकूला में धारा 144 CRPC में आदेश पंचकूला के तत्कालीन DCP (पुलिस उपायुक्त) द्वारा ही जारी किए गए थे, जिले के उपायुक्त (DC) द्वारा नहीं।
हालांकि जहाँ तक गुरूग्राम और फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नरों का विषय है, उन्हें आज तक प्रदेश सरकार द्वारा उपरोक्त शक्तियां ही नहीं प्रदान की गई हैं।
अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि जब पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को धारा 144 में ज़िलाधीश और उनके अधीन DCP/ACP को धारा 144 CRPC में कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की जा सकती है तो दोनों महानगरों गुरुग्राम और फरीदाबाद, जहाँ पिछले 14-15 वर्षो से पुलिस कमिशनेरेट स्थापित हैं एवं जहाँ इनके अधीन कई पुलिस ज़िले भी हैं, वहां के पुलिस कमिश्नरों को ऐसी शक्ति क्यों नहीं प्रदान की गयी है। आज तक गुरुग्राम और फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर को धारा 144 में ज़िलाधीश तो दूर, उक्त धारा में कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्ति तक प्रदान नहीं की गयी है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
वर्तमान में हरियाणा के सभी 22 ज़िलों में पंचकूला को छोड़कर शेष 21 ज़िलों में धारा 144 में आदेश सम्बंधित ज़िले के DC (उपायुक्त ) द्वारा ज़िलाधीश के तौर पर ( या ज़िले के उपमंडलों में SDM) द्वारा जारी किये जा सकते हैं जिनमें गुरुग्राम और फरीदाबाद ज़िले (पुलिस कमिश्नरेट ) भी शामिल है। अब चूँकि हरियाणा पुलिस कानून, 2007 की धारा 8 के अंतर्गत स्थापित हर पुलिस कमिश्नरेट
के संबंध में इसी धारा में उल्लेख किया गया है कि जहाँ भी पुलिस कमिश्नरेट होंगे, वहाँ विभिन्न कानूनों में जिला मजिस्ट्रेट (DM) को प्रदान शक्तियां वहाँ के संबंधित पुलिस कमिश्नर द्वारा प्रयोग की जाएंगी।
इसलिए एडवोकेट हेमंत कुमार ने प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज से मांग की है कि या तो पंचकूला की तर्ज पर गुरुग्राम और फ़रीदाबाद के पुलिस कमिश्नर्स को भी उनके संबंधित पुलिस कमिश्नरेट ( जिले) में
धारा 144 CRPC में ज़िलाधीश की शक्तियां प्रदान की जाएं अथवा पंचकूला पुलिस कमिश्नर से भी धारा 144 में जिलाधीश की शक्तियां वापिस लेकर जिले के DC को वापिस दे देनी चाहिए।
हरियाणा में तीनों पुलिस कमिश्नरों की अपने-अपने पुलिस कमिश्नरेट में शक्तियां एक समान ही होनी चाहिएं जोकि हरियाणा पुलिस कानून, 2007 की धारा 8 के अनुसार आवश्यक भी है।

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