मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 11 नवम्बर:
लोगों को कोर्ट से न्याय दिलाने वाले वकीलों की चैंबरों वाली बिल्डिंग के कॉमन कनेक्शन की बिजली काटकर आज बिजली निगम ने जहां वकीलों की डिस्ट्रिक बार को जोरदार झटका देने का काम किया, वहीं डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन ने भी खुद ही प्राईवेट तौर पर अपना बिजली कनेक्शन जुड़वाकर नहले पे दहला मारने का काम किया है। इस घटनाक्रम के बाद बिजली निगम और डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन के बीच एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा सा खुल गया है और दोनों पक्ष एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े हो गए हैं।
अब बात करें मुद्दे की तो आज दोपहर को बिजली निगम के कर्मचारियों द्वारा उक्त डिस्ट्रिक बार सैक्टर-12 के उक्त कॉमन कनेक्शन की बिजली काट दी गई। कारण बताया जा रहा है डिस्ट्रिक बार द्वारा उक्त कनेक्शन का लाखों रूपयों का डिफाल्टिंग एमाऊंट अभी तक नहीं भरना, जिसके चलते आज बिजली निगम ने कनेक्शन काटने का ये कदम उठाया।
इस मामले में डीएचबीवीएन के Xen ओल्ड जितेन्द्र ढुल और SDO (ऑपरेशन) ईस्ट मनीष सनवाल ने बताया कि डिस्ट्रिक बार सैक्टर-12 ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम यानि DHBVN से 30 किलोवाट लोड का एक कॉमन कनेक्शन लिया हुआ है जिस पर वकीलों के लिए बने चैंबरों वाली बिल्डिंग की लिफ्ट, पार्किंग आदि कॉमन एरिया की बिजली चलती थी। वकीलों के चैंबरों के कनेक्शन इससे अलग हैं।
बकौल उक्त अधिकारीगण, डिस्ट्रिक बार सैक्टर-12 ने सन् 2015 से लेकर अब तक उक्त कॉमन कनेक्शन का बिल ही नहीं भरा जोकि फिलहाल 49 लाख, 10 हजार, 327 रूपये बनता है। अधिकारियों के मुताबिक उक्त राशि के बिल को भरने के लिए डिस्ट्रिक बार को कई बार नोटिस दिए गए, लेकिन उन्होंने बिल नहीं भरा। यहीं नहीं, इनका कहना था कि उन्होंने डिस्ट्रिक बार से ये भी कहा कि सरकार की सरचार्ज माफी की स्कीम आई हुई है, उसका फायदा उठाते हुए वे बिल जमा करा दें जिससे उन्हें सरचार्ज माफी के रूप में 5-7 लाख रूपये का फायदा हो जाएगा। बावजूद इसके डिस्ट्रिक बार ने बिजली कनेक्शन का उक्त डिफाल्टिंग एमाऊंट नहीं भरा, जिसके चलते उन्हें आज डिस्ट्रिक बार का कनेक्शन काटना पड़ा।
इन बिजली निगम के अधिकारियों से जब बात की गई कि डिस्ट्रिक बार का कनेक्शन तो अभी भी जुड़ा हुआ है, तो इस पर उनका कहना था कि उनकी जानकारी में ये बात आई है कि डिस्ट्रिक बार के लोगों ने किन्हीं प्राईवेट बिजली वालों या कहिए इलेक्ट्रिशियन को बुलवाकर अपना कनेक्शन गैर-कानूनी रूप से जुड़वा लिया है। इस मामले में वो कनेक्शन जोडऩे वाले और जुड़वाने वाले दोनों के ही खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर कल शनिवार को उक्त कनेक्शन को एमएंडपी टीम को साथ लेकर स्थायी रूप से काटने काम करेंगे। इसके लिए इसका PDCO यानि परमानेंट डिस्कनेक्शन आर्डर काटा जा रहा है।
यहीं नहीं, इन अधिकारियों का ये भी कहना था कि अब बार एसोसिएशन के इस कॉमन कनेक्शन को परमानेंट रूप से काटने के अलावा वे उक्त बिल्डिंग में बने चैंबरों में लगे उन बिजली कनेक्शनों को भी कल से ही काटने का काम करेंगे जो बिजली निगम के डिफाल्टर हैं और जिन्होंने बार-बार कहने के बावजूद भी बिजली का बिल नहीं भरा है।
साथ ही इन अधिकारियों का ये भी कहना था कि जब ज्युडिशियल कॉम्लेक्स और मिनी सचिवालय जहां जज और अधिकारीगण बैठते हैं, का बिल लगातार भरा जा सकता है तो फिर बार बार एसोसिएशन अपने कॉमन कनेक्शन का बिल क्यों नहीं भर रही जिस पर लाखों रूपयों का डिफाल्टिंग एमाऊंट हो चुका है। क्या बुद्विजीवी कहलाने वाले ये वकील अपना घरों का बिजली का बिल नहीं भरते जो इन्हें यहां बिल भरने में परेशानी हो रही है।
वहीं इस मामले में जब डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट केपी तेवतिया से बात की गई तो उनका कहना था कि बिजली निगम द्वारा डिस्ट्रिक बार का कॉमन कनेक्शन काटे जाने का मामला तो उनकी जानकारी में आया है, लेकिन वो कनेक्शन दोबारा से जोड़ा या जुड़वाया गया है, ये उनकी जानकारी में नहीं हैं।
वहीं, इस मामले में बिजली निगम पर भी इस मामले में उंगलियां उठ रही है कि जब दो-चार महीने का हजारों का बिजली का बिल नहीं भरने पर आम आदमी के घर लगा बिजली का मीटर तक उतार लिया जाता है तो फिर सन् 2015 से अब तक यानि करीब 7-8 सालों से डिफाल्टिंग एमाऊंट के रूप में लगातार बढ़ती जा रही करीब 50 लाख रूपये की इतनी बड़ी रकम को जमा करवाने के लिए आज तक बिजली निगम के संबंधित अधिकारी कहां सोते रहे? ये एक गंभीर मामला है जिस पर बिजली निगम के चेयरमैन और डीएचबीवीएन के एमडी को ध्यान देना चाहिए।
दोनों पक्षों की इस लड़ाई का क्या परिणाम क्या निकलेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल, इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच मामला बहुत ज्यादा गर्माया हुआ है। हो सकता है कि बिजली निगम द्वारा आज काटे गए कॉमन कनेक्शन और कल से बिजली निगम द्वारा संभावित तौर पर की जाने वाली कार्यवाही के चलते कल बार एसोसिएशन के वकीलों की हड़ताल भी हो जाए, ये तो अब कल आने वाला दिन ही बताएगा।

sli

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