आकाश नागर ने की थी पुलिस चौकी में ही पुलिसकर्मी की धुनाई
मारपीट के इस मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध
महेश गुप्ता
फरीदाबाद, 3 नवम्बर:
रस्सी जल गई पर बल नहीं गए, बुर्जुगों की बनाई यह कहावत सत्ताविहीन हो चुके कांगे्रसी नेताओं पर एकदम फिट बैठती है। कांगे्रसियों की सरकार तो जा चुकी है लेकिन सत्ता का नशा अभी भी कांगे्रसी नेताओं के साथ-साथ उनके बेटों के भी सिर चढ़कर बोल रहा है, जोकि उतरने का नाम ही नहीं ले रहा है। शायद यही कारण है कि कांगे्रसी नेताओं के बेटे भी आजकल सत्ताविहीन होने के बावजूद भी गुंडागर्दी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इनकी गुंडागर्दी का आलम यह है कि आम आदमी को तो छोड़ो ये पुलिसवालों को भी नहीं बख्स रहे हैं।
ऐसा ही एक वाक्या रविवार एक नवंबर को सेक्टर-16 की अनाजमंडी में घटित हुआ, जहां प्रदेश के एक वरिष्ठ कांगे्रसी नेता एवं युवा कांगे्रस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी नागर के बेटे आकाश नागर ने पहले तो अपनी गुंडागर्दी का परिचय देते हुए एक पुलिसवाले के साथ गाली-गलौच की और बाद में पकड़े जाने पर उसी सिपाही जितेन्द्र मलिक के साथ अपने दोनों पीएसओ रविन्द्र व सोमवीर के साथ मिलकर पुलिस चौकी में ही उसे धून डाला और फिर उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
इस मामले में जांच अधिकारी एएसआई फूल सिंह का कहना है कि उन्होंने मौके पर से रविन्द्र और सोमवीर को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन आकाश नागर पुलिस चौकी से भाग गया था जोकि फिलहाल फरार है।
अब सवाल यहां यह उठता है कि जब पुलिस चौकी के अन्दर ही पुलिस वाले के साथ ही हुई मारपीट की घटना के बाद भी मुख्य आरोपी ही पुलिस चौकी से भाग जाए तो फिर एक आम आदमी पुलिस से क्या आशा कर सकता है।
मजेदार बात तो यह है कि पुलिस ने घटना के आरोपियों में से दो को तो गिरफ्तार की लिया लेकिन जो मुख्य आरोपी था, उसे फरार दिखा दिया। जबकि वह घटना के वक्त मौके पर ही था और उसने ही मारपीट की सारी घटना को अंजाम दिया था। बावजूद इसके जिस तरह से पुलिस ने इस मामले में अपनी भूमिका निभाई है, उसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है।

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