चार गावों के सैकड़ों किसानों ने किया जबरदस्त विरोध, नारेबाजी कर किया प्रदर्शन
नवीन गुप्ता
पलवल, 31 अक्तूबर:
दिल्ली के पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्र में हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोडऩे वाले 6 लेन के अर्द्धचंद्राका ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए पलवल में होने वाले शुभारंभ कार्यक्रम को किसानों का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा। उक्त एक्सप्रैस-वे के लिए अधिगृहित जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर आज यहां आधा दर्जन गावों के किसानों का गुस्सा फूड पड़ा तथा उन्होंने पलवल से शुरू होने वाले इस हाईवे के निर्माण कार्य को जबरदस्ती बंद करा दिया। किसानों को जैसे ही पता चला कि उक्त एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की शुरूआत पलवल के कुसलीपुर स्थित केएमपी चौक से की जा रही है तो सुबह सवेरे ही भारी संख्या में किसान मौके पर पहुंच गए जिनमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं तथा उन्होंने जोरदार विरोध प्रदर्शन कर निर्माण कार्य को रूकवा दिया।
गौरतलब है कि किसानों में इतना भारी गुस्सा था कि वह निर्माण कार्य में कार्यरत जेसीबी मशीनों पर चढ़ गए व किसान जेसीबी मशीन के आगे खड़े हो गए तथा उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब-तक किसी भी कीमत पर वह यहां कार्य नहीं होने देंगे चाहे इस संघर्ष में उन्हें अपने प्राणों की आहुती ही क्यों न देनी पड़े। किसानों का कहना था कि इस हाईवे के निर्माण के लिए जेसीबी मशीन को उनके शरीर के ऊपर से ही गुजारना पड़ेगा तथा वह यहां से किसी भी कीमत पर नहीं हटेंगे। निर्माण कार्य के विरोध में किसानों ने एनएचआईए के विरोध में कई घंटे तक नारेबाजी की और जब तक वहां से नहीं हटे तक जब कि उक्त निर्माण कार्य कर रही गायत्री प्रोजेक्टस लिमिटेड कंपनी ने वहां से जेसीबी व दूसरी अन्य मशीन वापिस नहीं हटा ली।
इस मौके पर किसानों व गायत्री प्रोजेक्टस लिमिटेड कंपनी के जीएम आरएसएन राजू के मध्य काफी लंबी बहस बहस भी हुई आर उन्होंने किसानों को काफी समझाया लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। किसान जहां कार्य बंद कराने पर अड़े हुए थे वहीं निर्माण कंपनी कार्य शुरू करने की बात कह रही थी। विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का नेतृत्व कर रहे वेदपाल सरपंच कुशलीपुर व पार्षद पति संजय फागना का कहना था कि कहना था कि कुसलीपुर, बहरौला, रहराना व अटोंहा आदि चार गावों के किसानों की जमीन को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए 2009 में अधिगृहित किया गया है तथाा इसके लिए उन्हें मात्र 16 लाख 24 हजार 800 रूपये ही दिए जा रहे हैं जबकि यहां मार्केट का रेट करोडों रूपये प्रति एकड़ है। किसानों का कहना था कि उनकी जमीन नगर परिषद क्षेत्र में आती है तथा यहां 7700 रूपये प्रति गत के हिसाब से कलैक्टर रेट है जबकि बाजारू भाव 20 हजार रूपये प्रति के आसपास है। उन्होंने कहा कि उक्त भूमि के मुआवजे को लेकर पूर्व की सरकार में जिला पलवल के एडीसी दिनेश सिंह यादव ने फ्रंट पर एक करोड 50 लाख रूपये व पीछे एक करोड 35 लाख रूपये देने की बात लिखित में मानी है जिसके कागज उन्होंने निर्माण कंपनी के जीएम आरएसएन राजू व पत्रकरों को भी दिखाए। किसानों ने मांग की कि उन्हें सरकार द्वारा नई जमीन अधिगृहण नीति के अनुसार मुआवजा दिया जाए।
प्रदर्शनकारी किसानों में वेदपाल सरपंच कुशलीपुर व पार्षद पति संजय फागना के अलावा किसान श्यामबीर, राजू, सुखबीर, जवाहर, दीवान सिंह, शिवचरण, बिजेन्द्र, लेखराम, मनोज, चिंताराम, योगेश फागना, राजेश, जीयाराम, रामकिशन, जोगेन्द्र, देशराज, सत्ते, हरी, खजान, ईश्वर, हुकम, कुलदीप, श्रीमती किरण,लीलू, बीरसिंह, सरजीत, बेदी, हरपाल, जिले, पंकज, चेतराम, मनोज, चिंताराम, निर्मल, लख्मीचंद, सूरजमल, नत्थी, ईश्वर, भीम, किरणपाल, बलराज, कैलाश, महेरचंद, जसबीर, जोरमल, यशपाल, महावीर व मुकेश आदि सैकडों की तादाद में मौजूद थे।

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