नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 30 अक्तूबर:
सेक्टर-12 स्थित न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को फरीदाबाद नगर निगम के पांच अधिकारियों को तीन महीने की सजा सुना दी है। नगर निगम अधिकारियों पर आरोप है कि सूरजकुंड रोड़ स्थित कई फार्म हाउसों पर कोर्ट का स्टे होने के बावजूद नगर निगम अधिकारियों ने फार्म हॉउस तोड़ दिया। इस मामले में फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक विपुल गोयल ने नगर निगम के खिलाफ महेश कुमार सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में एक याचिका दायर की जिसमें नगर निगम अधिकारियों पर कई आरोप लगाए। याचिकाकत्र्ता की ओर से एडवोकेट दीपक गेरा ने बताया कि इस मामले पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को अदालत ने पांच अधिकारियों को तीन महीने की सजा सुना दी जिसमें तत्कालीन एसडीएम फरीदाबाद धर्मेन्द्र, तत्कालीन ज्वाईंट कमिश्रर एनआईटी सुनीता वर्मा, एसडीओ ओपी मोर, जेई सुरेन्द्र हुड्डा, अशोक रावत शामिल हैं।
गौरतलब है कि डेढ़ से दो वर्ष पूर्व सूरजकुंड रोड स्थित फार्म हाउसों पर तोडफ़ोड़ की कार्रवाई को अंजाम देते हुए कई फार्म हाउस तोड़ दिया गए। जबकि फार्म हाउस संचालकों के पास कोर्ट का स्टे था लेकिन उसके बावजूद निगम अधिकारियों द्वारा कोर्ट के स्टे को अनदेखा कर तोडफ़ोड़ की कार्रवाई को अंजाम दे दिया गया। इस मामले में विधायक विपुल गोयल ने फरीदाबाद सेक्टर-12 स्थित निचली अदालत में एक याचिका दायर की जिसमें 8 अधिकारियों को पार्टी बनाया गया, इसमें न्यायालय ने आज फैसला सुनाते हुए पांच अधिकारियों को सजा सुना दी है।

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