मंदिर का विशेष आकर्षण तिरुपति बाला जी की मूर्ति हैं: अमर बंसल
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 4 अगस्त: सैक्टर-8 स्थित श्री नीलकंठ मंदिर में सावन के पहले सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर शिव आराधना की। मंदिर में तड़के चार बजे से ही जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो गया था। मंदिर में शिव भजनों की भी धूम रही। दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर दूध, बेल पत्र तथा पुष्पों से भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना भी की। इस अवसर पर श्री नीलकंठ मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एवं शहर के प्रमुख समाजसेवी अमर बंसल ने भी परिवार सहित जलाभिषेक कर भगवान शिव का आर्शीवाद लिया। जलाभिषेक का यह सिलसिला आज मंगलवार को भी जारी रहा।
मंदिर के इतिहास की जानकारी देते हुए श्री नीलकंठ मंदिर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अमर बंसल ने बताया कि श्री नीलकंठ मंदिर भगवान शिव जी के नाम से ही है। इस मंदिर में समय-समय पर भागवत पाठ, होली महोत्सव तथा रामायण पाठ भी किया जाता है। मंदिर में भगवान शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर में हर त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। इस मंदिर की स्थापना लगभग 25 वर्ष पहले की गई थी। शुरुआती दौर में समाजसेवी कैप्टन आरके शर्मा, विजय शर्मा, ओपी अग्रवाल मंदिर से जुड़े थे।
पिछले करीब 20 वर्षों से श्री नीलकंठ मंदिर से जुड़े अमर बंसल का कहना था कि समाज में सद्भाव का संदेश देने के मकसद से मंदिर कमेटी की ओर से हर वर्ष होली महोत्सव मनाया जाता है। मंदिर में पहले शिवलिंग स्थापित किया गया था। इन दिनों मंदिर में मां दुर्गा दरबार, हनुमान जी, राधा, कृष्ण तथा राम दरबार भी है। मंदिर का विशेष आकर्षण तिरुपति बाला जी की मूर्ति हैं। धर्म-संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मंदिर कमेटी की ओर से रामायण पाठ का आयोजन किया जाता है। इनके अलावा सामाजिक कार्यों में भी मंदिर कमेटी अहम भूमिका निभाती है।
श्री नीलकंठ मंदिर फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के ऐतिहासिक गांव सिही के नजदीक सैक्टर-8 में स्थित है। मंदिर आने के लिए मथुरा रोड स्थित वाईएमसीए चौक से होते हुए पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा बाईपास रोड होते हुए भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
श्री बंसल के मुताबिक मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की भी व्यवस्था है। मंदिर कमेटी ने पिछले पांच वर्षों में कई कार्य किए हैं। इसी दौरान मंदिर में तिरुपति बाला जी की मूर्ति स्थापित की गई है। सावन के महीने में मंदिर में मेला लगता है। इस महीने में कांवडिय़े आकर जलाभिषेक करते हैं। कांवडिय़ों के लिए मंदिर में विशेष शिविर लगाए जाते हैं।IMG_1421 IMG_1412 IMG_1413 IMG_1417 IMG_1418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *