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फरीदाबाद में ट्रेनिंग ऑन व्हील परियोजना क्रियान्वित की जाएगी, 31.23 लाख रुपये का डीआईएफ का हिस्सा स्वीकृत: सुमिता मिश्रा

Sumita
नवीन गुप्ता

चण्डीगढ़ ,21 मार्च: हरियाणा सरकार ने चार जिलों नामत: फरीदाबाद, गुडग़ांव, करनाल तथा कुरूक्षेत्र के लिए 1.93 करोड़ रुपये के जिला नवाचार कोष (डीआईएफ) स्वीकृत किए हैं। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिला फरीदाबाद में ट्रेनिंग ऑन व्हील परियोजना क्रियान्वित की जाएगी तथा इसके लिए 31.23 लाख रुपये का डीआईएफ का हिस्सा स्वीकृत किया गया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बाजार की जरूरतों के अनुरूप दक्षता बढ़ाकर जरूरतमन्द वर्गों से दक्ष लोगों का एक पूल सृजित करना है।
श्रीमती मिश्रा ने बताया कि जिला गुडग़ांव में सभी जीआईएस आधारित नीति अनुप्रयोगों के लिए एक स्थान पर समाधान के रूप में परियोजना उड़ान, सोहना- एक जी2जी पायलट परियोजना विकसित की जाएगी। इसके अन्तर्गत डीआईएफ के 100 लाख रुपये के हिस्से से सम्पत्ति रजिस्टर, वैज्ञानिक भूमि अभिलेख प्रबन्धन तथा उपयोग, कृषि-बाजार आधारित भू-कर मानचित्रण इत्यादि किया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नियमित निगरानी हेतु अनमैंड एरियल व्हीकल (यूएवी) का प्रयोग करके रिमोट सैंसिंग में हुई प्रगति तथा इस्तेमाल के लिए तैयार मुक्त स्रोत भूस्थानिक वेब जीआईएस प्रौद्योगिकी का दोहन करना है।
उन्होंने बताया कि जिला करनाल में डीआईएफ के 54 लाख रुपये के हिस्से से मौजूदा पैडल रिक्शा चालकों को बैटरी चालित रिक्शा उपलब्ध करवाने के लिए एक परियोजना शुरू की जाएगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय यात्रियों को प्रदूषण तथा उत्सर्जन मुक्त यात्रा सुविधा मुहैया करवाना, रिक्शा चालकों को शारीरिक श्रम से राहत दिलाना तथा आय उन्मुखी रोजगार सृजित करना है।
श्रीमती मिश्रा ने बताया कि कुरूक्षेत्र के लिए डीआईएफ के 8.50 लाख रुपये के हिस्से से स्कूलों में सम्पूर्ण गुणवत्ता सुधार की परियोजना स्वीकृत की गई है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य इंटरैक्टिव क्लासरूम स्थापित करके विद्यार्थियों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करना है।उन्होंने बताया कि पहले से सृजित पूंजीगत परिसम्पत्तियों की दक्षता बढ़ाने तथा तत्काल लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से 13वें वित्त आयोग ने प्रत्येक जिले के लिए एक करोड़ रुपये के अनुदान की सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर नवाचार की बड़ी सम्भावना है तथा तुलनात्मक रूप से छोटे निवेश से प्रभावी रूप से अधिक लाभ उठाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि विभाग ने जिला नवाचार कोष के लिए सहायतानुदान जारी करने तथा इसके उपयोग के लिए दिशानिर्देश तैयार किये हैं तथा ये प्रदेश के सभी उपायुक्तों को भेजे गए हैं। इन परियोजनाओं की परिकल्पना, निगरानी तथा क्रियान्वयन के लिए उपायुक्तों की अध्यक्षता में एक जिला नवाचार समिति भी गठित की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों के लिए डीआईएफ हिस्से के रूप में अब तक 1818.52 लाख रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।




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