नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 23 मई:
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने आज गुडग़ांव में आयोजित फीस एण्ड फंड रेगुलेटरी कमेटी में भाग लेकर दृढ़ता से अपनी बात रखते हुए कमेटी को बताया कि गुडग़ांव मंडल के अंतर्गत आने वाले जिले फरीदाबाद, गुडग़ांव, पलवल, रेवाड़ी, मेवात में निजी स्कूल प्रबंधक अभिभावकों के साथ लूट-खसौट व मनमानी कर रहे हैं और शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए जितने भी नियम कानून व प्रावधान बने हुए हैं उनका जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। नियमों का उल्लंघन सही पाए जाने पर शिक्षा विभाग हरियाणा ने फरीदाबाद के तीन निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की थी और हुडा विभाग ने 18 स्कूलों का भूमि आवंटन रद्द कर दिया था। अपील करने पर इन दोषी स्कूल प्रबंधकों ने अपनी मान्यता व रद्द हुआ भूमि आवंटन बहाल कराया, उस समय उन्होंने यह शपथ पत्र शिक्षा विभाग व हुडा को दिया था कि वे आगे से सभी नियम कानूनों का पालन करेंगे और शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं करेंगे। लेकिन निजी स्कूल प्रबंधकों ने शपथ पत्र में ली गई शपथ का पालन नहीं किया और सभी स्कूलों में लूटखसौट व मनमानी जारी है। मंच ने सबूतों सहित कई स्कूलों की मनमानी की जानकारी कमेटी को दी और चेयरमैन कमेटी से कहा कि वे इसकी जांच कराएं और दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्यवाही कराकर अभिभावकों को राहत प्रदान करें।
नियम कानूनों की जानकारी को देखकर चेयरमैन मंडल आयुक्त ने भी यह माना कि निजी स्कूल प्रबंधक शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे हैं जिन स्कूलों ने नियमों का उल्लंघन किया है उसकी जांच करने और फीस और फंड तय करने के लिए ही हरियाणा सरकार ने प्रत्येक मंडल में फीस एण्ड फंड रेगुलेटरी कमेटी का गठन किया है। उन्होंने स्कूल प्रबंधकों से कहा कि वे शिक्षा को व्यवसाय न बनाएं। शिक्षा को एक मिशन मानकर वे सीबीएसई, हुडा व शिक्षा नियमावली 2003 के सभी नियम कानूनों का पालन करें। मंडल आयुक्त ने स्कूल वाइस नियमों के उल्लंघन की जानकारी देने को कहा जिससे दोषी स्कूलों की जांच की जा सके। मंच ने मौके पर फरीदाबाद व गुडग़ांव के सात स्कूलों द्वारा की जा रही लूटखसौट व मनमानी व नियमों के उल्लंघन की जानकारी कमेटी को प्रदान की।
इस बैठक में मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, फरीदाबाद जिला कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी व जिला सचिव डॉ. मनोज शर्मा के अलावा मंच की गुडग़ंाव, पलवल, रेवाड़ी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी ने अपने-अपने जिलों में निजी स्कूलों द्वारा की जा रही लूट-खसौट व मनमानी की जानकारी कमेटी को दी। बैठक के दौरान मौजूद अन्य अधिकारी, उपायुक्त गुडग़ांव व फरीदाबाद ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधकों व अभिभावक संगठनों को बैठकर इस विषय पर संतोषजनक हल निकालना चाहिए। इस पर प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने मंडल आयुक्त को बताया कि मंच द्वारा पंजाब एण्ड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका 15500/97 के संदर्भ में हरियाणा सरकार ने इसी प्रकार की एक कमेटी का गठन 2006 में किया था। वर्तमान शिक्षा निदेशक एमएल कौशिक की अध्यक्षता में 2007 में फरीदाबाद में 20 स्कूल प्रबंधक और अभिभावक मंच के प्रतिनिधियों की एक साझा बैठक बुलाई गई थी जिसमें दोनों का पक्ष जानकर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया था कि आगे से स्कूल प्रबंधक सभी नियम कानूनों का पालन करेंगे।
फैसले के अनुसार किसी भी स्कूल में किताब, कापी, वर्दी आदि की दुकानें नहीं खोली जाएंगी। प्रत्येक स्कूल में वैधानिक रूप से अभिभावक एसोसिएशन का गठन किया जाएगा जिसकी सहमति से फीस वृद्धि की जाएगी। नियमानुसार गरीब पिछड़े छात्रों को दाखिले में प्राथमिकता दी जाएगी और उन्हीं फंडों में फीस ली जाएगी जो हरियाणा सरकार ने बना रखे हैं। इस बैठक के आधार पर शिक्षा निदेशक ने 9 जनवरी 2007 को हरियाणा के प्रत्येक उपायुक्त व जिला शिक्षा अधिकारी तथा सभी निजी स्कूल प्रबंधकों को आदेश जारी किए कि वे आपसी सहमति से लिए गए फैसलों का पालन करें। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने सहमति जताकर भी 2007 से लेकर आज तक तय की गई बातों पर अमल नहीं किया और अपने स्कूलों में लूट-खसौट व मनमानी जारी रखी। अत: आगे भी स्कूल प्रबंधकों से यह उम्मीद नहीं रखी जा सकती कि वे सहमति बनने पर सभी नियम कानूनों का आगे पालन करेंगे। मंच ने मंडल आयुक्त व चेयरमैन फीस एण्ड फंड रेगुलेटरी कमेटी से कहा कि जो भी नियम कानून निजी स्कूलों की लूट खसौट व मनमानी को रोकने के लिए बने हुए हैं उनका दृढ़ता से पालन स्कूल प्रबंधकों से कराना चाहिए और लाभ में होते हुए भी जिन स्कूलों ने पिछले पांच सालों में नाजायज फीस वृद्धि की है और गैर कानूनी फंडों में पैसे वसूले हैं उनकी जांच करके अभिभावकों से वसूली गई फालतू फीस को वापस कराया जाए।
डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि इस बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार जो एक सलाहकार उप समिति अभिभावक व स्कूल प्रबंधकों की बनाई गई है मंच इसे सिर्फ समय की बर्बादी मानता है। जब नियम कानून बने हुए हैं तो उनका पालन कराने में कमेटी को कौन सी मुश्किल है। मंच फिर भी इस कमेटी को सहयोग देते हुए बुधवार को गुडग़ांव में आयोजित सलाहकार उप समिति की बैठक में भाग लेगा और पुन: दृढ़ता से अभिभावकों का पक्ष रखेगा। मंच ने फरीदाबाद के सभी अभिभावकों से कहा है कि वे सोमवार तक अपने बच्चे के स्कूल का पिछले पांच साल का फीस का ब्यौरा, स्कूलों द्वारा दी गई किताबों की लिस्ट व अन्य फंडों में वसूली गई फीस की जानकारी तुरंत मंच के जिला कोर्ट स्थित कार्यालय लॉयर्स चैम्बर 56 में जमा कराएं जिससे उनके स्कूल की मनमानी का पूरा ब्यौरा बुधवार को आयोजित बैठक में दिया जा सके। जिससे स्कूलों की मनमानी की जानकारी कमेटी के पास जांच के लिए प्रस्तुत हो जाए। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि मंच उनके हक की लड़ाई जारी रखे हुए है और मंच का यह पूरा प्रयास रहेगा कि आगे जो भी फैसला हो वह अभिभावकों के हित में हो और निजी स्कूलों की लूटखसौट व मनमानी पर पूरी तरह से रोक लगे और उनसे पिछले पांच सालों में गैर कानूनी रूप से जो फीस वसूली गई है उसे दिल्ली की तर्ज पर वापिस कराया जा सके।

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