नवीन गुप्ता/देशपाल सौरोत
पलवल, 23 फरवरी: महिला सशक्तिकरण को लेकर सोमवार को राजकीय उच्च विद्यालय कारना में एक सम्मेलन का आयोजन किया किया। सम्मेलन में रोल मॉडल के रूप में जिले की वरिष्ठ भाजपा नेता एवं प्रमुख समाजसेविका अनिता भारद्वाज को बतौर मुख्यअतिथि आमंत्रित किया गया जबकि समारोह की अध्यक्षता कारना के सरपंच ज्ञानचंद द्वारा की गई। वहीं इस सम्मेलन का संचालन ममता द्वारा किया गया। सम्मेलन में स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा गांव व आसपास के प्रबुद्ध नागरिकों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरूआत स्वागत गान व सरस्वती वंदना से की गई जबकि स्कूल प्रबंधन की ओर से मुख्यअतिथि अनिता भारद्वाज का फूलों के बुक्के देकर स्वागत किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कार्यक्रम की मुख्यअतिथि अनिता भारद्वाज ने लोगों को सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि नारी सशक्तिकरण का मतलब पुरूषों को नीचा दिखाने या उनसे ज्यादा शक्तिशाली बनकर उसे आगे निकलने का नहीं है, बल्कि इसका सही और सीधा अर्थ यह है कि आज नारी को भी पुरूष के बराबर उसके अधिकार मिलने चाहिए जिसका उसे मौलिक अधिकार है। पुरूष और महिला बराबर हैं और यह अधिकार उसे प्रकृति से मिले हैं। उन्होंने कहा कि आज की नारी किसी से पीछे नहीं है बस जरूरत है तो उसे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की। उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण का अर्थ है कि समाजिक व्यवस्था में महिला की बराबरी की हिस्सेदारी होनी चाहिए। और यह तभी संभव होगा जबकि लड़कियां शिक्षित होंगी क्योंकि शिक्षा से ही अधिकारों का ज्ञान होता है और इसी को आधार बनाकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘बेटी-बचाओ बेटी-पढाओÓ अभियान की शुभारम्भ हरियाणा की धरती से किया है ताकि हरियाणा में भी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा सके। लेकिन यह तभी संभव होगा जब आप और हम सब मिलकर बेटी को सम्मान देगें। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या को एक अभिषाप बताते हुए कहा कि इस घृणित कार्य को रोकने में भी महिलाओं अको अहम् भूमिका अदा करनी होगी।
अनिता भारद्वाज ने अपने संबोधन में जब मां है प्यारी, बहन दुलारी, और बीवी है पटरानी, तो क्यूं करते हो बेटी से मक्कारी। जीवन है बेटी का अधिकार, शिक्षा है उसका आधार, ‘बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओÓ अपनी सोच को आगे बढ़ाओ आदि दो लाईन बोलकर उपस्थितजनों की भावनाओं का जागृत करने का कार्य किया तथा मंच से ‘बेटी-बचाओ बेटी-पढाओÓ की शपथ दिलाई।
कार्यक्रम को सरपंच, ज्ञानचंद, मुख्यअध्यापक महेश कुमार, मिडिल हैड सरला, मैथ लैक्चरर संतोष व हिन्दी लैक्चरर ज्योति रावत व लज्जाराम ने भी अलग-अलग संबोधित कर लोगों को इस अभियान के प्रति जागृत किया वहीं
इस अवसर पर कृष्ण कुमार, साहब सिंह, बीर सिंह, वेदपाल, सुशीला, सुषमा, सरोज, चंचल कुमारी, कृष्ण पीटीआई, हेमेन्द्र कुमार व हरिदत्त के अलावा बिमला भी मुख्यरूप से मौजूद थीं।

नारी सशक्तिकरण का मतलब नारी को भी पुरूष के बराबर उसके अधिकार मिलना : अनीता भारद्वाज
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