नवीन गुप्ता
चण्डीगढ़, 3 दिसम्बर: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज चालू वित्त वर्ष के लगभग 100 करोड़ रुपये अपने स्वैच्छिक कोष की राशि नगर-निगमों को जारी करने की घोषणा की है ताकि पार्षद भी अपने-अपने वार्डों में विकास कार्य आसानी से करवा सकें। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज हरियाणा शहरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए की। उन्होंने आगामी वित्त वर्ष से मेयरों, उप-मेयरों व पार्षदों के लिए भी स्वैच्छिक कोटा निर्धारित करने का प्रस्ताव तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। इस पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव एसएन राय ने इस सम्बन्ध में संभावनाओं का पता लगाने के लिए शीघ्र ही एक प्रस्ताव तैयार करने का आश्वासन दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजीव कौशल, अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा, डा० राकेश गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक पंकज अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए प्राइवेट भागीदारिता से शहरों में समेकित ठोस कचरा प्रबन्धन की योजनाएं पायलट आधार पर क्रियान्वित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरी स्थानीय निकायों को प्रशासनिक दृष्टिï से और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभाग में जिन रिक्त पदों की आवश्यकता अत्यंत जरूरी है, उनके मांग पत्र शीघ्र ही भर्ती एजेंसियों को भेजे जाएं ताकि शीघ्र ही पदों को भरा जा सके और विभाग की कार्यप्रणाली सुचारू रूप से चले। उन्होंने विभाग की पुन:संरचना करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, क्योंकि शहरी स्थानीय निकाय विभाग के नियम 1976 में बने थे और अब इसमें बदलाव की काफी सम्भावनाएं हैं। बैठक में मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत करवाया कि शहरी स्थानीय निकायों में सम्पतियों का पंजीकरण रजिस्टर होना अति आवश्यक है।
शहरी स्थानीय निकाय के निदेशक विकास गुप्ता ने विभाग की गतिविधियों तथा भविष्य की योजनाओं पर मुख्यमंत्री को एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में शहरी जनसंख्या 88,42,103 है, जबकि ग्रामीण जनसंख्या 1,65,09,358 है। इस दौरान प्रदेश में शहरीकरण की दर 44.6 प्रतिशत रही है। जबकि देश की दर 27.8 प्रतिशत थी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में शहरीकरण की दर लगभग दो गुणा है और एनसीआर में तो प्रवासी जनसंख्या के कारण इसमें काफी वृद्घि हुई है।
बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि पिछले मुख्यमंत्री ने अपने स्वैच्छिक कोटे से 261 करोड़ रुपये की राशि शहरी निकायों के लिए जारी की परंतु कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां पर राशि न के बराबर जारी की गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुबंध आधार पर लगे जिन सफाई कर्मचारियों के वेतन चार-पांच महीनों से नहीं दिए गये हैं उनके वेतन तुरंत जारी करने के लिए जिला उपायुक्तों को कहा जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *