Metro Plus से Jassi Kaur की रिपोर्ट।
Faridabad News, 20 फरवरी:
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन.एच. तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस सैंट जॉन एम्बुलेंस और गाइडस ने विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा सर्वसम्मति से 10 जून 2008 को निष्पक्ष न्याय के लिए सामाजिक न्याय पर की गई घोषणा को अपनाया गया। यह वर्ष 1919 के आई एल ओ के संविधान निर्माण के बाद से इसके द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों और नीतियों में तीसरा प्रमुख प्रयास है इसके अंतर्गत सामाजिक न्याय का तात्पर्य देशों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और विकास के लिए आवश्यक सिद्धांत से है, जो न केवल अंतरूदेशीय समानता अपितु अंतर्देशीय समानता की परिस्थितियों से भी संबंधित है।
इस मौके पर प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने बताया कि सामाजिक न्याय की संकल्पना को आगे बढ़ाने हेतु समाज में लिंग, आयु, नस्ल, जातीयता, धर्म, संस्कृति या विकलांगता जैसे मानकों की असमानता को समाप्त करना है। जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड अधिकारी और प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संविधान के अधिकारों का स्रोत, सत्ता की प्रकृति तथा संविधान लक्ष्यों एवं उद्वेश्यों का वर्णन किया गया है। जहां सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक न्याय को संविधान के लक्ष्यों के रूप में निर्धारित किया गया है तथा सामाजिक न्याय की सुरक्षा मौलिक अधिकारों एवं नीति निदेशक तत्वों के विभिन्न उपबंधो के माध्यम से भी की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में सामाजिक न्याय की अवधारणा को न केवल विशेष अधिकारों की अनुपस्थिति अपितु किसी वर्ग विशेष के लिए यथा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आदि के लिए विशेष व्यवस्था के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया है।
इस मौके पर रविन्द्र कुमार मनचंदा ने बताया कि इस वर्ष विश्व न्याय दिवस का थीम अ कॉल फॉर सोशल जस्टिस इन द डिजिटल इकोनामी है। उन्होंने बताया कि हमें अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के साथ ही कर्तव्यों का पालन करने की आवश्यकता है ताकि मूल अधिकारों में उल्लेखित राजनैतिक न्याय के साथ ही नीति निदेशक तत्वों में उल्लेखित सामाजिक एवं आर्थिक न्याय की प्राप्ति की जा सके। विश्व सामाजिक न्याय दिवस को सफल बनाने के लिए सभी देश एक साथ मिलकर बेरोजगारी, गरीबी, जाति भेदभाव, लिंग और धर्म के नाम पर बंटे लोगों को एकजुट करने का प्रयास करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस दिवस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गरीबी उन्मूलन के लिए कार्य करना चाहिए और सभी स्थानों पर लोगों के लिए सभ्य काम एवं रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए तभी सामाजिक न्याय संभव है।
इस अवसर पर प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा और कॉर्डिनेटर प्राध्यापिका जसनीत कौर, संजय मिश्रा आदि मौजूद रहे।
स्कूली बच्चों द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने वालो में मोहिनी, शिल्पा, महक, राधा, शीतल, अंजलि चौरसिया, निशा, चंचल, सुरूचि तथा ताबिंदा ने सामाजिक दर्शाने वाली पेंटिंग्स बनाकर सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए कहा।

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