मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 6 फरवरी
: आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम फरीदाबाद यानी MCF की तिजोरी तो एक लंबे अरसे से खाली होती जा रही है, लेकिन इस MCF को दीमक की तरह चाट कर खोखला करने वाले अधिकारियों की तिजोरियों लगातार भर्ती जा रही हैं, खासकर तोड़फोड़, इंजीनियरिंग, परचेज, विभाग के अधिकारियों की।
यदि हम बात करें MCF के तोड़फोड़ विभाग की ही तो MCF के तीनों जोनों में लगातार हो रहे अवैध निर्माणों को ले-देकर होने देने से ही विभागीय छोटे-बड़े सभी अधिकारी/कर्मचारी मालामाल होने में लगे हैं। इसका जीता-जागता सबूत है बुधवार को विजिलेंस द्वारा पकड़ा गया सुपरवाइजर राजपाल जिसको कि विजिलेंस की टीम ने अवैध निर्माण को ना तोड़ने की एवज में 30 हजार की रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों पकड़ा है। राजपाल को पलवल जिले के थाना चांदहट अंतर्गत ककड़ीपुर गांव निवासी श्याम मनोहर पुत्र भरत सिंह की शिकायत कि वो ओल्ड फरीदाबाद में नहर पार हो रहे एक निर्माण को ना तोड़ने की एवज में 30 हजार रुपये मांग रहा है, पर विजिलेंस ने रंगे हाथों रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया है। इस मामले की शिकायत विजिलेंस की SP नितिका गहलोत को की गई थी जिस पर निकिता गहलोत ने यह कार्यवाही की। सन 1993 में कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर MCF में कच्चा भर्ती हुआ राजपाल फिलहाल MCF के ओल्ड फरीदाबाद जोन में तोड़फोड़ विभाग की द्वितीय डिवीज़न में सुपरवाइजर है और 2014 में ही नियमित हुआ था।
ऐसा नहीं है कि MCF का यह पहला कर्मचारी है जो रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया हो, इससे पहले भी MCF के कई कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें NIT जोन का एक JE पासी भी शामिल रहा है जिसको कि विजिलेंस ने पकड़कर उससे एक डॉयरी तक भी बरामद की थी जिसमें कोड वर्ड के अंदर अवैध निर्माणकर्ताओं और अपने अधिकारियों से लेन-देन लिखा हुआ था। वो बात अलग है कि JE पासी तो MCF से Terminate हो चुका है, लेकिन उस डायरी में जिन अधिकारियों के नाम रिश्वत की रकम में से हिस्सा लेने वालों के तौर पर दर्ज थे, उन पर सिफारिशों के बाद कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी जो कि आज भी MCF को दीमक की तरह चाटने में लगे हुए है।
वहीं हम बात करें करप्शन में डूबी MCF की बड़ी मछलियों की तो कुछ समय पहले तत्कालीन MCF कमिश्नर अनिता यादव के कार्यकाल में तोड़फोड़ को लेकर विभाग के दो अधिकारियों में काफी रस्साकशी हुई थी। चर्चा थी कि इसी रस्साकशी के चलते तोड़फोड़ विभाग के एक JE ने HCS स्तर के अपने एक बड़े अधिकारी पर आरोप लगाया था कि वो उससे 25 लाख रुपये की मंथली मांगता है, जिसकी ऑडियो रेकॉर्डिंग भी उसने तत्कालीन निगमायुक्त की दी बताते है। इन सब बातों को देखते हुए लगता है कि MCF में किस स्तर पर यह गोरखधंधा चलता है।
विजिलेंस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक MCF के कई और अधिकारी अभी उनके राडार पर हैं जिन्होंने तोड़फोड़ विभाग में रहकर अकूत संपत्ति जमाकर MCF को खोखला करने का काम किया है।
विजिलेंस गुप्त तरीक़े से ऐसे अधिकारियों की जांच कर रही है जिन पर वो कभी भी अपना शिंकजा कस सकती है।

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