मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
समाजसेवी को चोला पहन सफेदपोश ट्रांसपोर्टर कैसे बना खाकपति से अरबपति
फरीदाबाद, 13 नवम्बर:
करीब 25 साल पहले तक दिल्ली से ऊंट बुग्गी के जरिए टैक्स चोरी का माल ढोकर खाकपति से अरबपति बन समाज का ठेकेदार बना बैठा शहर का एक ट्रांसपोर्ट माफिया आजकल सत्तारूढ़ विधायकों की चमची मारने के चलते एक बार फिर से सुर्खियों में है। धन-बल तथा अपने राजनैतिक आकाओं के नाम पर पूरे तरीके से 2 नंबर का धंधा करने वाला समाजसेवी रूपी यह ट्रांसपोर्ट माफिया कभी एक ही नंबर के कई-कई ट्रक चलाकर तो कभी अधिकारियों को अपना धौंस दिखाकर तथा कभी उनसे पैसे की सैटिंग कर अपने काले कारनामे को खुलेआम अंजाम दे रहा है। इसकी पहुंच इतनी है कि प्रशासन भी इसके आगे घुटने टेके बैठा है। यही कारण है कि शहर की सड़कों पर इस ट्रांसपोर्ट माफिया के ट्रक बिना टैक्स चुकाये 2 नंबर के माल को बे-खौफ हो इधर से उधर कर रहे हैं। यह ट्रांसपोर्ट माफिया कांग्रेस सरकार में शामिल रहे एक पूर्व कैबिनेट मंत्री का नजदीकी रिश्तेदार बताया जाता है। और आजकल शहर के सत्तारूढ़ विधायकों की चमची मारकर यह अपना अवैध कार्य धड़ल्ले से जारी रखे हुए है।
जानकारी तो यह भी है कि जब कभी इसका 2 नंबर का ट्रक पकड़ा जाता है तो वह अपनी दबंगई के बल पर उसे छुड़ा लेता है। हालांकि इस तथाकथित ट्रांसपोर्टर पर कई बार सेल्स टैक्स चोरी करने के आरोप में लाखों रुपये का जुर्माना भी लग चुका है, फिर भी वह अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहा है। बताते हैं कि इसके जो ट्रक पकड़े भी जाते हैं वह सिर्फ सेल टैक्स अधिकारी कागजी खानापूर्ति करने तथा अपनी खाल बचाने के लिए पकड़े जाते हैं।
गौरतलब रहे कि फरीदाबाद के पुलिस कप्तान रहे आलोक मित्तल को अपना पद संभालने के बाद जब यह पता चला की फरीदाबाद में एक ही नम्बर के कई ट्रक घूमते है तो आलोक मित्तल ने तमाम राजनीतिक दवाब के बावजूद बृजगोपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये। इस मामले में केस दर्ज होते ही बृजगोपाल गायब हो गया और संतगोपाल गुप्ता राजनैतिक तिगड़म बिठाता हुआ मुकद्दमा रद्द कराने की कोशिश करता रहा पंरतु पुलिस कप्तान के सख्त रवैये को देखते हुए संतगोपाल के किसी भी राजनैतिक आका की इतनी हिम्मत नहीं हो पाई थी कि वो दवाब डालकर पूर्व की तरह इस केस को भी रफा-दफा करवा देे। जिसके चलते बृजगोपाल को मजबूरन पुलिस के समक्ष पेश होना पड़ा और बृजगोपाल को इस मामले में करीब एक माह तक जेल काटने के बाद ही जमानत मिल पाई थी। जिन ट्रकों के चक्कर में बृजगोपाल पर मुकदमा दर्ज हुआ था एेसे घोटालों की लिस्ट बहुत लम्बी है जिससे की सरकार को इन गुप्ता भाईयों ने कई करोड़ों का चूना लगाया।
वो बात अलग है कि इन ट्रांसपोर्टर भाइयों की दबंगई के आगे अधिकतर पुलिस अधिकारी अपने आपको बौना समझते हैं। खबर तो यह भी है कि पुलिस अधिकारी इन पर कार्रवाई करने की जगह इन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर समझाते हैं कि वह अपना काला धन्धा बंद कर दे, लेकिन ये उल्टे पुलिस अधिकारी को ही समझा देते है कि उन्हें अपने कार्य करने का तरीका पता है। यानि उक्त ट्रांसपोर्टर पर उल्टा चोर कोतवाल को डाटे वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ होती है।
जानकारी के मुताबिक जिस तरीके से उक्त ट्रांसपोर्टर टैक्स चोरी कर 2 नंबर का धंधा करने में लगा है उससे हर महीने सरकार को करोड़ों रुपये का चुना लग रहा है।

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