मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 10 सितंबर:
नगर निगम फरीदाबाद एक बार फिर अपनी ही बेशकीमती जमीन को खाली करवाने की मुहिम में खाली हाथ रह गया और एक फोन के चलते निगम प्रशासन की सारी की सारी तैयारियां धरी कह धरी रह गई। ध्यान रहे कि नगर निगम फरीदाबाद द्वारा आज खोरी, सूरजकुंड में की जाने वाली भारी तोडफ़ोड़ एकाएक कैंसिल कर दी गई जिसके चलते निगम द्वारा किए सभी इंतजाम धरे के धरे रह गए। निगम द्वारा इस तोडफ़ोड़ कार्यवाही केे चलते करीब 1500 लोगों का खाना भी बनवाया गया था जोकि बेकार को गया। वहीं निगम द्वारा तोडफ़ोड़ के लिए मंगवाई गई करीब 12 जेसीबी, 2 पोपलेन, 8 डम्पर आदि भी खड़े के खड़े रह गए जिनको फिर वापिस भेजना पड़ा।
वैसे तो इस तोडफ़ोड़़ के कैंसिल होने का कारण पुलिस फोर्स नहीं मिलना बताया जा रहा है, लेकिन लगता है इसके पीछे कहानी कुछ ओर ही है। क्योंकि कल तक इस तोडफ़ोड़ कार्यवाही के लिए करीब 800 पुरूष और 200 महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई थी। जबकि ज्वाईट कमिश्रर प्रशांत अटकान, एसडीएम बडख़ल पंकज सेतिया, तहसीलदार बडख़ल गुरूदेव आदि को कल ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया गया था।
तोडफ़ोड़ स्थगित क्यों हुई, इस मामले में कोई भी अधिकारी फिलहाल बोलने को तैयार नहीं हैं, सिर्फ पुलिस फोर्स ना मिलने की बात ही कही जा रही है। वैसे दबी जुबान में बताया जा रहा है कि ऊपर से किसी को फोन आने के बाद यह तोडफ़ोड़ की कार्यवाही स्थगित की गई है। यह फोन किस का का था, इस मामले में कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
ध्यान रहे कि नगर निगम फरीदाबाद द्वारा आज सुबह 8 बजे सुरजकुंड रोड़ पर स्थित खोरी और लकड़पुर राजस्व की उस जमीन पर हुए कब्जों को हटाने के लिए तोडफ़ोड़ की कार्यवाही करनी थी जिस पर लोगों ने गैर-कानूनी रूप से कब्जे कर मकान आदि बना रखे हैं। यह बेशकीमती जमीन हरियाणा पर्यटन निगम और नगर निगम फरीदाबाद की है जोकि कई सौ एकड़ बताई जा रही है। इस जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है जिसमें प्रशासन को 16 सितंबर को अपना जवाब देना है।
अब देखना यह है कि निगम प्रशासन अब अपनी उक्त बेशकीमती जमीन को खाली करवाता है या नहीं।

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