मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 7 मई:
केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा शराब के ठेके खोलने की मंजूरी के फैसले पर हरियाणा प्रोग्रेसेसिव स्कूल्ज कांफ्रेस (HPSC) के प्रवक्ता नरेंद्र परमार ने सवालिया निशान खड़े किए हैं। नरेंद्र परमार ने कहा है कि हमारी कॉन्फ्रेंस प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों में फीस काउंटर को खोलने की लगातार मांग कर रही है जिस पर कोई भी सुनवाई नहीं हो रही हैं। वहीं दूसरी और सरकार के द्वारा शराब के ठेके खोलने की अनुमति देना बड़ा ही दु:खद है। शराब ठेकों के बाहर लगी लाइनों में सोशल डिस्टेसिंग का कितना पालन हो रहा हैं, ये सभी को नजर आ रहा है।
वहीं एचपीएससी के जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते अगर शराब के ठेके खुल सकते हैं तो निजी स्कूलों में फीस काउंटर एवं क्लेरिकल स्टॉफ को आने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? उन्होंने कहा कि नया सत्र शुरु हो गया है स्टॉफ को ऑनलाईन सम्बंधित बहुत से काम करने होते हैं जिससे कि छात्रों एवं अभिभावकों को कोई परेशानी नहीं हो। लॉकडाउन के चलते स्कूल मार्च से ही बन्द हो गए थे जिस कारण स्कूलों में फीस जमा नहीं हो पा रही है। मात्र 5 प्रतिशत अभिभावकों ने ऑनलाईन मासिक फीस जमा की है जिस कारण निजी स्कूलों के सामने अप्रैल महीने का वेतन देने का संकट खड़ा हो गया है। सुरेश चंद्र ने कहा कि एचपीएससी जिला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों को कुछ स्टॉफ सदस्यों को बुलाने की अनुमति शीघ्र प्रदान करने की मांग करती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी निजी व सरकारी दफ्तरों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की शर्तों के साथ 30 प्रतिशत स्टॉफ को बुलाने की अनुमति दी है तो निजी स्कूलों को इसमें शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में बच्चे तो अभी नहीं आ रहे हैं तो ऑफिस स्टॉफ को एक निश्चित संख्या में स्कूल आने की अनुमति मिलनी चाहिए।

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