मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 29 मई:
आग लगने की घटना वास्तव में एक ऐसी दुर्घटना है जो बिना किसी पूर्व सूचना के आती है। आग लगने से और ऐसी घटनाओं से उद्योग प्रबंधक वास्तव में अपंग हो जाता है इसलिए हमें इस आपदा से बचने के लिए सदैव जागरूक रहना चाहिए। इस संबंध में ऐसा सैटअप तैयार किया जाना चाहिए जिससे हमारे कर्मचारी आग लगने जैसी स्थिति का सामना कर सकें।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जे.पी. मल्होत्रा ने जहां डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व टैक्रोलॉजी एंड पर्सनैल्टी डेवलपमैंट सैंटर द्वारा फायर सेफटी इन इंडस्ट्री विषय पर आयोजित एक दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के सैशन पर यह उद्गार व्यक्त किए।
श्री मल्होत्रा ने प्रतिभाटियों से आह्वान किया कि वे आग से बचाव संबंधी ट्रेनिंग को संस्थान के सभी वर्गों तक पहुंचाएं। श्री मल्होत्रा ने कहा कि आग वास्तव में संस्थान प्रबंधन ही नहीं कर्मचारियों के लिए एक बड़ी आपदा है जिससे बचने के लिए जागरूकता तथा सूमय पर सतर्कता जरूरी है।
कार्यक्रम में डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव विजय आर० राघवन ने कहा कि कई उपयोगी टिप्स देते हुए एमएसएमई सैक्टर के प्रतिनिधियों को अग्रिसुरक्षा उपकरणों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नियमित मॉक ड्रिल कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए ताकि आग लगने के समय सतर्कता बनी रहे।
टैप डीसी की सीईओ सुश्री चारू स्मिता मल्होत्रा ने कहा कि आग लगने के समय कर्मचारियों में सतर्कता जरूरी है और इसके लिए सभी को दक्ष होना चाहिए। उन्होंने बताया कि आज के ट्रेनिंग कार्यक्रम का मुख्य उद्वेश्य आग लगने पर आकस्मिक प्रबंध कैसे करें विषय पर केंद्रित है। सुश्री मल्होत्रा ने स्टाफ, कर्मचारियों, बिजनेस हैड और सभी संबंधित वर्गों को आग से सुरक्षा के प्रबंधों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष के.के. नांगिया ने विश्वास व्यक्त किया कि यह ट्रेनिंग प्रोग्राम उद्योगों व संबंधित सभी वर्गों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा। श्री नांगिया ने डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में विक्टोरा टूल, एग्रोमैक इंजीनियरिंग, इम्पीरियल आटो, एल्युमैक्स इंटरनेशनल, इंडिया फोर्ज, स्काटिश हाई पब्लिक स्कूल, परफेक्ट ब्रेड, गुडवैल इंडस्ट्री, डी डेवलपमैंट, सांई सिक्योरिटी, ओटोमैन इंडस्ट्री, हाईटैक इंजीनियर्स सहित विभिन्न संस्थानों के 42 प्रतिभागी शामिल हुए। सभी ने इस विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम की सराहना करते इसे उपयोगी करार दिया।

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