मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
झज्जर, 1 जनवरी: सिचाई भवन के रेस्ट हाऊस में मंगलवार की रात दो युवतियों के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए चीफ इंजीनियर गुलाब सिंह नरवाल को निलंबित कर दिया गया है। ध्यान रहे कि इस खबर को मैट्रो प्लस ने वीरवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
काबिलेगौर रहे कि घटनाक्रम की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि एक अधिकारी सिचाई भवन के वीवीआइपी सूट में ठहरा हुआ है, जिसके साथ दो लड़कियां भी है और उनके द्वारा शराब पीकर वहां हंगामा किया जा रहा है। सूचना मिलने पर डीएसपी राहुल देव की अगुआई में महिला थाना प्रभारी और सिटी थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे, जबकि एक पुलिस अधिकारी पहले से ही वहां पर मौजूद था। मौके पर पहुंची टीम द्वारा की गई पूछताछ और सामने आए तथ्यों के आधार पर घटनाक्रम की रात की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई थी। इधर, वीरवार को हुए निलंबन को सरकार के स्तर पर पहले कदम से जोड़कर देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में होने वाली जांच के आधार पर क्या कार्यवाही होती हैए यह देखने लायक विषय होगा।

पहले बताया गलत नाम, फिर सोने का किया ड्रामा:-
सिचाई भवन में पाए गए चीफ इ ंजीनियर] दो युवतियों सहित एक अन्य व्यक्ति से घटनास्र5म की रात पूछताछ की गई हैं। पूछताछ की जब शुरुआत की गई तो सबसे पहले चीफ इंजीनियर ने अपना नाम ही गलत बताया। बाद में उन्होंने सोने का ड्रामा भी किया। हालांकि] इस दौरान यह भी कहा कि साथ में मौजूद दोनों युवतियां उनके परिवार से है और वे एक शादी समारोह में आए हुए थे। लेकिन] जब बातचीत पर शक हुआ तो सभी से अलग-अलग पूछताछ की गई। जिसके बाद पूरे मामले का पटाक्षेप हुआ। पुलिस के स्तर पर सभी का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है।

रोजनामचा में दर्ज हुई रिपोर्ट, मामला दर्ज नही:-
सिचाई विभाग के विश्राम गृह में उच्च एवं जिम्मेवार अधिकारी द्वारा किए इस आचरण की दिनभर विभागीय गलियारों में खूब चर्चा रही। विभाग एवं सरकार की छवि धूमिल होने के विषय पर निलंबन की गाज गिरी है। इधर, घटनाक्रम में अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है। थाना शहर के रोजनामचा में जरूर दर्ज किया गया है।

विभाग से अन्य भी जांच के दायरे में:-
मंगलवार देर रात की इस घटना में एक पहलू यह भी सामने आया है कि विभाग के अन्य कुछ लोगों को भी इस विषय के बारे में जानकारी थी। ऐसे में आने वाले समय में होने वाली जांच में एक कार्यकारी अभियंता सहित दो अन्य भी जांच के दायरे में आएंगे कि किस तरह से उन्होंने अपने अधिकारी का सहयोग किया।
बकौल पुलिस कप्तान राजेश दुग्गल पुलिस विभाग के स्तर पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। विभागीय स्तर पर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।

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