मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 10 अक्टूबर: शहर में शराब तस्करी का धंधा अपने पूरे यौवन पर है। पुलिस द्वारा रोजाना कहीं ना कहीं शराब की खेप पकड़ी जा रही है चाहे वह थोड़ी मात्रा में या ज्यादा। इसी क्रम में थाना एसजीएम नगर पुलिस ने जहां वीरवार रात को शराब की 900 पेटी से भरा एक टैंकर पकड़ा, वहीं गत् 6 अक्टूबर को मुजेसर पुलिस ने अवैध शराब तस्करी में 59 पेटी का एक रहस्यमय मुकद्मा दर्ज किया है।
इस मामले में समाचार लिखे जाने तक SHO मुजेसर के मुताबिक यह नहीं पता चल पाया है कि पकड़ी गई गाड़ी किस की थी और इसमें जो 59 पेटी अंग्रेजी शराब कागजों में दिखाई गई है, उसका मालिक कौन था। यहां तक कि गाड़ी के ड्राईवर को भी ईटीओ ने पुलिस के हवाले नहीं किया बल्कि उसको रहस्यमय तरीके से ही गायब कर दिया गया जोकि इस मामले को संदिग्ध बनाता है।
आबकारी एवं कराधान अधिकारी (ईटीओ) कृष्ण कुमार की शिकायत पर दर्ज इस मुकदमे की खास बात ये है कि 23-24 सितम्बर की रात को जिस गाड़ी (HR-38-5609) को पकडऩे की शिकायत ईटीओ ने थाना मुजेसर पुलिस की है वो गाड़ी पकड़ी गई तो सूरजकुंड थाना क्षेत्र के अंतर्गत अनखीर चौकी पर थी लेकिन मुकदमा करीब 12 दिनों बाद ईटीओ ने थाना मुजेसर में कराया है। इसका ग्राऊंड यह लिया गया है कि ईटीओ ने अनखीर से गाड़ी पकड़कर उसके निरीक्षण हेतू उसे भाटिया पार्किंग प्लॉट न.-44, इंडस्ट्रियल एरिया, नियर ईस्ट इंडिया चौक में खड़ा कर दिया गया था। जिसके चलते मुजेसर थाने में मुकदमा हुआ है। ये बात कुछ हजम नहीं हो रही है।
ईटीओ पश्चिम कृष्ण कुमार ने थाना मुजेसर पुलिस को जो शिकायत दी है, उसमें कहा गया है कि 23-24 सितम्बर की रात को करीब 12.30 बजे चैकिंग के दौरान उन्होंने अनखीर चौक पर एक गाड़ी (एचआर-38-5609) को रोककर उसको चैक किया तो ड्राईवर ने गाड़ी में लोड माल से संबंधित बिल व बिल्टी पेश किए। और जब ड्राईवर से दस्तावेजों के हिसाब से माल का मिलान कराने के लिए कहा गया तो ड्राईवर ने बताया कि गाड़ी के दरवाजे पर लॉक है जिसकी चाबी मालिक के पास है। शिकायत के मुताबिक शक के आधार पर उक्त गाड़ी को निरीक्षण के लिए भाटिया पार्किंग प्लॉट न.-44, इंडस्ट्रियल एरिया, नियर ईस्ट इंडिया चौक में खड़ा कर दिया गया तथा ड्राईवर शिवनारायण को उसी समय भौतिक निरीक्षण के लिए नोटिस दिया गया जोकि नोटिस को तामिल किए बिना ही गाड़ी को पार्क करके अपना मोबाईल बंद कर वहां से चला गया। इसके बाद गाड़ी के मालिक बीरेन्द्र सिंह को गाड़ी मेंं मौजूद माल के भौतिक निरीक्षण के लिए बुलाया गया लेकिन जब वो भी नहीं आया तो उच्च अधिकारियों द्वारा गठित टीम के सदस्यों के सामने गाड़ी के पीछे लगे ताले को तोड़कर निरीक्षण किया गया तो गाड़ी में अलग-अलग ब्रांडों की 59 पेटियों में 672 बोतल बरामद हुई जोकि बिना किसी पास, परमिट व लाईसैंस के थी। जिस पर थाना मुजेसर पुलिस ने 6 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज किया था।
इस मामले में ईटीओ कृष्ण कुमार से बात की गई तो उन्होंने इस मामले को गोलमोल करते इस बात का फैसला जज के ऊपर करने की बात कहकर मामले को ओर संदिग्ध बना दिया।
जबकि जो बात फिलहाल सामने आ रही है वो ये है कि आबकारी विभाग के ईटीओ ने जो उक्त गाड़ी पकड़ी थी उसमें 59 पेटियों में 672 बोतल नहीं बल्कि 672 पेटियां थी जिसको कि अधिकारियों द्वारा सैटिंग करके पेटियों को बोतल में बदल दिया गया। इन बातों में कहां तक सच्चाई है ये तो गाड़ी पकडऩे वाला जाने या जिनके सामने कथित तौर पर गाड़ी का ताला तोड़कर पेटियां निकाली गई वो। लेकिन जिस तरीके से गाड़ी पकडऩे के 12 दिन बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और अभी तक 16 दिन बीत जाने के बाद भी यह नहीं पता चल पाया कि ये शराब की पेटियां किसकी थी और थाना क्षेत्र बदलना भी मामले को पूरी तरह संदिग्ध बना रहा है।
वैसे जो ये शराब की पेटियां पकड़ी गई हैं, उस शराब ठेकेदार की बताई जा रही हैं जोकि फरीदाबाद में शराब तस्करी के काम में अव्वल नंबर पर है और फर्जीवाड़े में जेल भी जा चुका है। इसका खुलासा हम जल्द करेंगे।
अब देखना यह है कि इस मामले में पुलिस और आबकारी विभाग क्या कदम उठाता है।

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