मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 21 मार्च: हाईकोर्ट के आदेशों की परवाह ना कर आखिरकार सैक्टर-10/11 के चंद दुकानदारों ने अपनी मर्दानगी का परिचय देते हुए अपने-अपने शोरूमों/होटलों पर लगी उन सीलों को उखाड़ ही फैंका जोकि नगर निगम ने लगाई थी।
जी हां, हम बात कर रहे हैं सैक्टर-9-10 हाऊसिंग बोर्ड व डीएलएफ तथा सैक्टर-10,11-12 डिवाईडिंग रोड़ पर रिहायशी प्लॉटों पर बने उन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जिन पर की गत् 11-12 फरवरी को हाईकोर्ट के आदेश पर निगमायुक्त अनिता यादव ने भारी पुलिस बल के साये में सीलिंग की कार्यवाही करवाई थी। काफी जोर-मशक्कत के बात निगम द्वारा यहां सीलिंग की कार्यवाही कर 15 फरवरी को इस सीलिंग कार्यवाही की रिपोर्ट निगमायुक्त ने हाईकोर्ट को सौंप दी गई थी। उस समय हाईकोर्ट में जस्टिस महेश ग्रोवर की अध्यक्षता वाली डबल बैंच ने निगमायुक्त को झाड़ लगाते हुए पूरे फरीदाबाद में रिहायशी क्षेत्रों/सैक्टरों में चल रही कॉमर्शियल गतिविधियों को बंद कर इसकी कार्यवाही रिपोर्ट 20 मार्च तक उन्हें सौंपने के आदेश दिए थे।
अब जब होली से एक दिन पहले 20 मार्च को हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई होनी थी जोकि हाईकोर्ट जज की व्यस्तता के चलते नहीं हो पाई जिस कारण इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा 14 मई की तारीख लगा दी गई।
अब जब सीलिंग के इस गंभीर मामले में हाईकोर्ट ने करीब दो महीने बाद की यानि 14 मई की तारीख निधार्रित कर दी तो इस मामले की समीक्षा के लिए बुधवार को ही देर शाम सैक्टर-10-12 डिवाईडिंग रोड़ पर रिहायशी प्लॉट पर बने होटल ब्रार्दस दा ढाबा जो पहले इनवेटशन था, में उन चंद लोगों/दुकानदारों की मीटिंग हुई थी जोकि इस सीलिंग की कार्यवाही से प्रभावित थे। सुत्रों के मुताबिक जिन लोगों ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया उनमें होटल ब्रार्दस दा ढाबा के मालिक हरपाल सिंह के अलावा मुनीष कालरा, योगेन्द्र, खुराना प्रोपर्टी वाला, वैभव गुप्ता आदि के नाम सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में लिए गए फैसले के बाद हाईकोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए इन दुकानदारों ने कुछ शोरूमों/होटलों में लगी सील को स्वयं ही तोड़ दिया जिसकी शुरूआत भी होटल ब्रार्दस दा ढाबा से ही की गई। इसके अलावा सैक्टर-9-10 हाऊसिंग की डिवाईडिंग रोड़ पर बनी एक-दो दुकानों के आगे लगाई गई दीवारों को भी गिरा दिया गया।
मजेदार बात तो यह है कि जो लोग मीटिंग में मौजूद नहीं थे और उनके गेट पर सील लगी हुई थी, उनको भी तोड़ दिया गया। इस मामले में सैक्टर-9-10 डीएलएफ डिवाईडिंग रोड़ पर प्लॉट नंबर-आई-68 के मालिक पंकज गर्ग ने बताया कि उन्हें आज सुबह ही पता चला कि उनके प्लॉट के गेट पर लगी सील टूटी पड़ी है। वे इस मामले में नामालूम लोगों के खिलाफ सील तोडऩे के मामले में शुक्रवार को पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे।
काबिलेगौर रहे कि गत् 11-12 फरवरी को सीलिंग की उक्त कार्यवाही के बाद निगमायुक्त ने कहा था कि यदि सील तोड़ी तो उसके खिलाफ एफआईआर करवाकर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
वहीं इस मामले में हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे वरूण श्योकंद का कहना है कि यह सीधे-सीधे हाईकोर्ट की अवमानना का मामला है। यदि निगमायुक्त ने सील तोडऩे वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर दोबारा सील नहीं लगाई तो वे हाईकोर्ट में अवमानना की अर्जी लगाएंगे।
इस मामले में जब निगमायुक्त अनिता यादव से बात करने की कोशिश की गई तो होली का त्यौहार होने के कारण उनसे बात ना हो सकी।
अब देखना यह है कि हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम द्वारा लगाई गई सीलों को चंद दुकानदारों द्वारा तोडऩे के मामले में निगमायुक्त क्या कार्यवाही करती हैं या फिर चुनावी माहौल को देखते हुए अपने आदेशों से पलटते हुए इस गंभीर मामले में चुप्पी साध लेती हैं। यह उनके अपने विवेक पर निर्भर करता है।
फिलहाल दुकानदारों द्वारा सील तोडऩे का मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों की नजर निगमायुक्त अनिता यादव पर लगी हुई है।

नीचे उन बिल्डिंग्स की फोटो है जिनकी सील तोड़ी गई हैं।

 

निगमायुक्त के आदेशों पर धाराशाही हुए अवैध निर्माण फिर से बहुमंजिला ईमारत में बदले, जानिए कैसे?

निगमायुक्त के आदेशों पर धाराशाही हुए अवैध निर्माण फिर से बहुमंजिला ईमारत में बदले, जानिए कैसे?

सीलिंग/तोडफ़ोड़ के नाम पर चंद निगम अधिकारियों ने भरी अपनी तिजोरियां ? कल हाईकोर्ट पर है सबकी निगाह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *