मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 12 मई:
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) से धोखाधड़ी कर पेमेंट लेने व फर्जी तकनीकी एवं वित्तीय मापदंडो के बल पर सरकारी ठेका हासिल करने के आरोपी एवं आरटीआई कार्यकर्ता वरुण श्योकंद की अग्रिम जमानत याचिका आज ADJ सरताज बांसवाना की कोर्ट ने खारिज कर दी है। डीएचबीवीएन की ओर से जहां मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक गेरा कर रहे थे, वहीं आरोपी वरूण की पैरवी एडवोकेट योगेश शर्मा ने की।
आरोपी वरूण श्याकंद के वकील योगेश शर्मा ने जहां इसे पुराना मामला बताते हुए वरुण श्योकंद को साजिशन फंसाये जाने का आरोप लगाया। वहीं एडवोकेट दीपक गेरा ने बचाव पक्ष की दलीलों को नकारते हुए आरोपी वरुण श्योकंद को धोखाधड़ी कर बिजली विभाग को चूना लगाने का मुख्य आरोपी बता उसकी बेल रद्द करने की अपील की।
माननीय न्यायाधीश सरताज बासवाना ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद वरुण श्योकंद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
ध्यान रहे कि आरटीआई कार्यकर्ता वरुण श्योकंद के खिलाफ थाना मुजेसर पुलिस ने डीएचबीवीएन के एक एक्सईएन बीके रंजन की शिकायत पर गत् 3 मई को आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा न.-284 दर्ज किया था। इस मामले में आरोपी वरूण श्योकंद ने अपने बचाव में सैशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जिसको आज माननीय न्यायाधीश सरताज बासवाना ने खारिज कर दिया।

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