RTI Activist हरिन्द्र धींगड़ा व उसके परिजनों पर योजनाबद्व तरीके से आम जनता का बैंकों में रखा हुआ पैसा लोन के तौर पर लेकर करीब 15 करोड रुपये का गबन करने का मामला दर्ज।
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट।
गुरुग्राम, 10 मई:
: साइबर सिटी गुरुग्राम की पुलिस ने बैंकों के करीब 15 करोड़ रुपये गबन करने के आरोप में RTI एक्टिविस्ट हरिंद्र धींगड़ा और उनके दो बेटों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने आज देर रात तीनों आरोपियों को PWD रेस्ट हाउस में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जहां से हरेन्द्र धींगड़ा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया वहीं उनके दोनों बेटों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस की तरफ से मामले की पैरवी फ़रीदाबाद के नामी-गिरामी एडवोकेट दीपक गेरा और दीपाली खटक ने की।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक 16 अप्रैल, 2021 को गुरुग्राम पुलिस को एक शिकायत प्राप्त हुई कि हरिन्द्र धींगड़ा, उसकी पत्नी पूनम धींगड़ा, उसके बेटे प्रशान्त धींगड़ा व तरुण धींगड़ा ने अपने प्लाॅट नम्बर 7/D-4A, DLF, फेस-1, गुरुग्राम पर सन 2003 में अपनी कम्पनी M/s Elegance Fabrics Pvt. Ltd. के नाम से करोडों रुपये का लोन लेकर बैंक को लोन का पैसा ना देकर तथा उसी प्रोपट्री को दोबारा से OBC Bank में Morgage/मॉर्गेज करके हरिन्द्र धींगड़ा के बेटे प्रशान्त धींगड़ा ने अपनी फर्म Tarun Exports के नाम से करोडों का दोबारा से लोन ले लिया। इसके उपरान्त बैंकों से लिया गया लोन का पैसा ना भरने की नीयत से बैंकों के साथ धोखाधडी व अदालतों में झूठी सूचना देकर जाली दस्तावेजों के आधार पर उपरोक्त प्लाॅट की हरिन्द्र धींगड़ा ने अपने दूसरे बेटे तरुण धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के नाम पर फर्जी तौर पर Transfer Deed in Blood relation कराकर आम जनता के करोडों रुपये बैंको से लोन के माध्यम से गबन किये है।
पुलिस के मुताबिक उपरोक्त आरोपों की गम्भीरता को मध्यनजर रखते हुए इसकी जांच राजपत्रित अधिकारी द्वारा अमल में लाई गई। जांच के दौरान सामने आया कि हरिन्द्र धींगड़ा व उसकी पत्नी पूनम धींगड़ा ने वर्ष 2001 मे प्रदीप कुमार से उपरोक्त प्लाॅट नम्बर 7/D-4A, DLF फेस-1, गुरुग्राम खरीदा था। इस प्रॉपर्टी में दोनों पति-पत्नी की आधी/आधी हिस्सेदारी थी।
पुलिस के मुताबिक Indian Overseas Bank के रिकार्ड अनुसार वर्ष 2003 में पूनम धींगड़ा व उसके बेटे प्रशान्त धींगड़ा द्वारा अपनी कम्पनी M/s Elegance Fabrics Pvt. Ltd के नाम से अलग-अलग प्रकार का लोन लिया और उसमें अपनी Personal Guarantee रखी। उपरोक्त लोन व लोन NPA होने के बाद इस परिवार ने आपस में साजिश रचकर प्रशान्त धींगड़ा ने अपने माता-पिता (हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा) के खिलाफ लोक अदालत गुरुग्राम में उपरोक्त प्लाॅट के लिये दावा डाल दिया। जिस पर 27 नवंबर 2006 के लोक अदालत गुरुग्राम के आदेशानुसार उपरोक्त प्लाॅट को समझौते के आधार पर दोनों ने यह प्लाॅट अपने बेटे प्रशान्त धींगड़ा के नाम कर दिया। जिस पर प्लाॅट प्रशान्त धींगड़ा के नाम होने पर उसने उक्त प्लाॅट को OBC Bank में Morgage/मॉर्गेज करके वर्ष 2007 को अपनी फर्म Tarun Exports के नाम करीब 8 करोड रुपये का लोन ले लिया। जो लोन ना भरने के कारण वर्ष 2008 में NPA हो गया। आरोपियों द्वारा उपरोक्त दोनों बैकों के लोन को ना भरने पर बैंक द्वारा आरोपी पक्ष को नोटिस भेजा गया। नोटिस मिलने के बाद आरोपी ने आपस में मिलकर एक अन्य दावा गर्व धींगड़ा जो प्रशान्त धींगड़ा का बेटा है, के नाम से गुरुग्राम कोर्ट में डाल दिया। इसके बाद इन आरोपियों ने मिलकर लोक अदालत के आदेश को रद्द कराने के लिये एक याचिका पंजाब & हरियाणा उच्च न्यायालय, चण्डीगढ में डाल दी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय के 8 फरवरी, 2016 को लोक अदालत गुरुग्राम के आदेश रद्द करते हुए यह प्लाॅट वापिस पति-पत्नी हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा के नाम पर आ गया।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक बैंकों द्वारा उपरोक्त प्लाॅट को Attachment कराने की कार्यवाही DRT व माननीय उच्च न्यायालय चण्डीगढ में विचाराधीन होने के बावजूद उपरोक्त सभी आरोपियों ने मिलकर योजनाबद्व तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार करके झूठे तथ्यों के आधार पर हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा ने अपने दूसरे बेटे तरुण धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के नाम पर Transfer Deed in Blood
relation करा दी जिससे इनको बैंको का लोन ना भरना पड़े और बैंक इनके प्लाॅट की नीलामी भी ना करा सकें। पुलिस के मुताबिक उपरोक्त परिवाद की जांच के दौरान यह सामने आया कि हरिन्द्र धींगड़ा ने अपनी पत्नी पूनम धींगड़ा व अपने दोनों बेटों प्रशान्त धींगड़ा, तरुण धींगड़ा व प्रशान्त धींगड़ा की पत्नी तानी धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के साथ मिलकर बडी चालाकी से आपस में साझ-बाझ होकर योजनाबद्व तरीके से बैंकों से करीब 15 करोड रुपये लोन के लेकर गबन करना पाया जाने पर उपरोक्त आरोपियों के विरुद्व/खिलाफ थाना DLF फेस-1, गुरुग्राम में नियमानुसार उचित धाराओं 420, 467, 468, 471, 120B, IPC के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक केस की गम्भीरता को देखते हुए मामले की जांच हेतू ACP क्राइम II, गुरुग्राम की देखरेख में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक हरिन्द्र धींगड़ा जो अपने आपको एक RTI Activist बताता है, वह अपने साथी रविन्द्र यादव के साथ मिलकर RTI एक्टिविस्ट का नाजायज फायदा उठाते हुए बैंकों/सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों पर दबाव बनाने की नीयत से आम जनता को सरकारी तन्त्र का भय/डर दिखाकर उन पर दबाव बनाकर पैसे एठनें का काम करते हैं।
पुलिस के मुताबिक इसके अलावा वर्ष 2017 में हरिन्द्र धींगड़ा के विरुद्व 186/506/294 IPC का थाना सदर में एक मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा के विरुद्व नियमानुसार कार्यवाही करते हुये चालान माननीय न्यायालय में दिया जा चुका है।
पुलिस के मुताबिक हरेंद्र धींगड़ा RTI के माध्यम से बिल्डर्स/सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों पर दबाव बनाकर नाजायज तरीके से जमीनों पर कब्जा करना एवं पैसें ऐठने का काम करते है। आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा ने अपने साथी रविन्द्र यादव के साथ मिलकर DLF के प्लाॅटों पर नाजायज तरीके से कब्जा करने की शिकायत गुरुग्राम पुलिस को मिलने पर इनके कब्जा से DLF के दो बड़े प्लाॅट जिस पर रविन्द्र यादव ने आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा के इशारे पर कब्जा कर रखा था, उसको छुडवाया गया। इसके अलावा आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा का साथी रविन्द्र यादव जिसके खिलाफ भी मारपीट करने, महिला के साथ छेडछाड करने व गाली-गलौच करने, DLF फेस-1 की जनता को भय दिखाने उनके साथ गाली-ग्लौच करने, हथियार दिखाने व जान से मारने की धमकी देने के सम्बन्ध में अलग-अलग धाराओं में पहले से ही मुकदमा दर्ज है।
पुलिस के मुताबिक यह भी ज्ञात हुआ है कि हरिंद्र धींगड़ा उपरोक्त अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर आम जनता को RTI एक्टिविस्ट का भय दिखाकर परेशान करता है एवं अवैध तरीके से पैसे ऐठनें जैसी हरकतें करता है। इसलिए गुरुग्राम पुलिस का आम जनता से यह अनुरोध है कि हरिन्द्र धींगड़ा व इसके सहयोगियों के विरुद्व यदि किसी भी व्यक्ति के पास कोई ऐसी सूचना या दस्तावेज है, तो वह व्यक्ति बिना किसी भय व डर के गुरुग्राम पुलिस को सूचित करें ताकि इनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।

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