मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 8 सितम्बर: डीएलएफ के कथित अधिकृत एजेंट नवीन अग्रवाल की अग्रिम याचिका को माननीय अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश जसमीन शर्मा ने खारिज कर दिया है। सैक्टर-14 निवासी नवीन अग्रवाल पुत्र अश्विनी अग्रवाल के खिलाफ सैक्टर-11बी निवासी कवल सिक्का की शिकायत पर गत् 28-09-2017 को आईपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा नंबर-0837 दर्ज किया गया था। बकौल सिक्का तब से लेकर अब तक नवीन अग्रवाल फरार चल रहा था। अब उसने सैशन कोर्ट में अपनी अग्रिम याचिका लगाई थी जिसको कि खारिज/डिसमिश कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक सैक्टर-11 डीएलएफ में अश्विनी अग्रवाल रीयल इस्टेट एंड डवलपरस के नाम से प्रोपर्टी की खरीद-फरोख्त का धंधा करने तथा अपने आपको डीएलएफ का अधिकृत एजेंट बताने वाले नवीन अग्रवाल तथा धर्मपाल ग्रोवर के खिलाफ थाना सैक्टर-7 पुलिस ने पुलिस को फर्जी दस्तावेज देने तथा एक प्लॉट पर जबरन कब्जा करने की मंशा से दीवार बनाने से रोकने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। शिकायतकर्ता कवल सिक्का ने सैक्टर-7 थाना पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि सैक्टर-11ए/5 में उनका प्लॉट है जिसकी बरसात के कारण दीवार टूट गई थी। इस दीवार की मरम्मत कर वह उसे दोबारा बना रहा था क्योंकि दीवार टूटने के कारण वहां लोग शौच करने आने लगे थे। कवल के मुताबिक जब वह गत् 22 जुलाई, 2017 को अपने प्लॉट की दीवार की मरम्मत करवा रहा था तो धर्मपाल अपने पुत्र नवीन अग्रवाल के साथ उनके प्लॉट पर आया और मजदूर से बद्तमीजी करने लगा जोकि वहां से जाते समय मुझे भी बाहर ही मिल गया था। उसने वहां मुझसे भी बद्तमीजी करते हुए कहा कि या तो ये काम बंद करवा दे वरना तुझे जान से मरवा दूंगा। इसके बाद उसने पुलिस चौकी वालों से मिलकर मेरी दीवार के मरम्मत के काम को रूकवा दिया। इस पर मैंने डीएलएफ से मिले अपने प्लॉट की डी-मार्केशन के कागजात पुलिस को दिखाए तो उसी तारीख 09-07-1973 के प्लॉट नंबर-5 के डी-मार्केशन के कागजात धर्मपाल ग्रोवर व नवीन अग्रवाल ने भी पुलिस को दे दिए। इस पर मैंने पुलिस को अपने दस्तावेजों से पुलिसवालों को संतुष्ट कर दिया कि उसके कागजात असली हैं जबकि धर्मपाल ग्रोवर व नवीन अग्रवाल द्वारा पुलिस को दिए गए दस्तावेज जांच में फर्जी पाए गए।
बकौल कवल सिक्का यही नहीं, पुलिस चौकी के इंचार्ज रूम में धर्मपाल ग्रोवर यह भी धमकी देने लगा कि एक आईएएस अधिकारी उसके दामाद का साला है और ताराचंद सलूजा भी उसका साला है तथा उसके 1000-1000 गज के 22 रिहायशी प्लॉट है। यह सारा घटनाक्रम पुलिस चौकी में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी आ गया।
इस सारे घटनाक्रम के मद्देनजर पुलिस ने धर्मपाल ग्रोवर व नवीन अग्रवाल द्वारा पुलिस को दिए गए दस्तावेज जांच में फर्जी पाए जाने आदि आरोपों के चलते उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा नंबर-0837 दर्ज कर दिया था।

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