मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 13 जुलाई:
किसी संस्थान में गैर-वित्तीय अधिकारियों के लिए अकाउंट्स फाइनेंस संबंधी जानकारी उतनी ही जरूरी है, जितनी कि वित्तीय क्षेत्र से संबंधित लोगों के लिए होती है। टेक्नोलॉजी एंड पर्सनैलिटी डेवलपमेंट सेंटर Tap DC द्वारा फाइनेंस फॉर नॉन फाइनेंस प्रोफेशनल विषय पर आयोजित एक दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम में उक्त जानकारी देते हुए डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की प्रधान जेपी मल्होत्रा ने कहा कि जब गैर-वित्तीय अधिकारियों को वित्त संबंधी जानकारी प्रदान की जाती है तो इससे लागत में कटौती की ओर बढऩे की प्रक्रिया में मदद मिलती है।
श्री मल्होत्रा ने कहा कि धन वास्तव में किसी भी उद्योग के लिए सबसे आवश्यक पहलू है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि केवल वित्त से जुड़े हुए लोगों को ही धन संबंधी जानकारी होनी चाहिए, बल्कि गैर वित्तीय प्रोफेशनल को भी वित्त संबंधी जानकारी होनी चाहिए ताकि उन्हें ज्ञात हो कि लागत में कटौती कैसे की जा सकती है और इसके क्या परिणाम सामने आ सकते हैं।
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रसिद्ध प्रोफेशनल ट्रेनर पुष्पेंद्र कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते कहा कि अकाउंटिंग के संबंध में यह माना जाता है कि यह उन्हीं लोगों के लिए जरूरी है जो वित्त संबंधी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, परंतु ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सभी को धन की महत्ता और इसकी आवश्यकता की जानकारी होगी तो परिणाम और अधिक रचनात्मक रूप से सामने आएंगे। प्रत्येक व्यक्ति को यह जानकारी होनी चाहिए कि कंपनी की स्टैटजी क्या है और क्वालिटी में सुधार के लिए किस प्रकार कार्य किया जा सकता है, लागत को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है और यह तभी संभव है जब उन्हें वित्त संबंधी जानकारी हो।
इस अवसर पर टैप डीसी की सीईओ सुश्री चारू स्मिता मल्होत्रा ने वक्ताओं का परिचय कराते हुए बताया कि पुष्पेंद्र कुमार अपने क्षेत्र में विशेष प्रसिद्धि रखते हैं। उन्होंने कहा कि प्रॉफिट और लॉस अकाउंट स्टेटमैंट से अलग वित्तीय जानकारी को उद्योग में गैर-वित्तीय सैक्टर तक भी पहुंचाया जाना चााहिए। उन्होंने कहा कि इस सेमीनार का आयोजन इसी विचाधारा के अनुरूप किया गया है।
कार्यक्रम में गैलेक्सी इन्स्टरूमेंट, हीना इंडस्ट्रीज, अरविंद इंजीनियरर्स, एडीएम लॉजिस्टिक, साई सिक्योरिटी, इम्पीरियल आटो, क्वालिटी नीडस, जीवा आयुर्वेद, भारतीय वाल्वस, यूनाइटेड कम्पोनैंटस सहित कई संस्थानों के उच्च व मध्यम स्तर के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
ट्रेनिंग प्रोग्राम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए श्री मल्होत्रा विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यक्रम निश्चित रूप से औद्योगिक संस्थानों के विकास व गुणवत्ता सहित संस्थान में लागत में कटौती की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *