मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट
फरीदाबाद,
1 मार्च: नगर निगम फरीदाबाद के कमिश्रर डॉ. यश गर्ग ने एनएच-3सी/168 में हो रहे अवैध निर्माण को धाराशाही करने गए तोडफ़ोड़ दस्ते से झगड़ा कर तोडफ़ोड़ के काम में बाधा पहुंचाने वाले बिल्डिंग इंस्पेक्टर महेन्द्र रावत को तो सस्पेंड कर दिया है, लेकिन अभी तक यह पता लगाने का प्रयास नहीं किया है कि किसके कहने पर महेन्द्र रावत तोडफ़ोड़ को रूकवाने पहुंचा था। सोमवार, दो मार्च को होने वाली निगम सदन की बैठक में यह मामला जोर-शोर से उछलेगा जैसा कि कुछ निगम पार्षदों का कहना है। इस मामले में सदन की बैठक में निगमायुक्त से सवाल जबाव किए जा सकते हैं।
ध्यान रहे कि नगर निगम के एक एचसीएस स्तर के विवादास्पद अधिकारी पर अवैध निर्माण को करने देने की छूट देने की एवज में 10 लाख रूपये लेने के आरोप भी लग रहे हैं। इस मामले को मैट्रो प्लस ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर निगमायुक्त ने बलि कर बकरा बनाते हुए जेई महेन्द्र रावत जोकि पहले भी कई बार सस्पेंड हो चुका है और रिश्वत प्रकरण में जेल की सलाखों के पीछे भी रह चुका है, को सस्पेंड कर मामले का पटाक्षेप करने का प्रयास किया है। लेकिन जिस तरीके से तोडफ़ोड़ को रूकवाने वाले जेई महेन्द्र रावत ने इस मामले में खुलेआम बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह से सार्वजनिक रूप से बद्तमीजी करते हुए सरकारी का में बाधा पहुुंचाई उस मामले में उस पर एफआईआर होनी चाहिए थी जैसा कि निगम के चंद अधिकारी दबी जुबान में कह रहे हैं। वहीं उस अधिकारी के नाम का खुलासा भी होना चाहिए जिसके ऊपर 10 लाख रूपये अवैध निर्माण करने देने की एवज में लेने के आरोप लग रहे हैं। इस मामले में नगर निगम की शहर में जबरदस्त बदनामी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो इस घटना को हुए तीन दिन हो चुके हैं और जिस अवैध निर्माण को लेकर यह सारा विवाद हुआ था वहां अब पहले से भी ज्यादा तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। जिसको देखते हुए लगता है कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि सारी दाल ही काली है।
फिलहाल सबकी नजर सोमवार को होने वाली निगम सदन की बैठक पर हैं।

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