– सेक्टर-9-10 व 10-12 डिवाइडिंग रोड़ पर नगर निगम करेगा तोड़फोड़ और सीलिंग की कार्यवाही
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
फरीदाबाद, 10 फरवरी: सोमवार का दिन उन लोगों के लिए बड़ा ही मनहूस होने वाला है जिन्होंने कि करोड़ों रुपये खर्च कर हाऊसिंग बोर्ड व DLF के सेक्टर-9-10 व 10-12 में डिवाइडिंग रोड़ पर गैर-कानूनी रूप से रिहायशी प्लॉटों में कामर्शियल बिल्डिंग बना रखी हैं। हाईकोर्ट ने आजकल ऐसे सभी लोगों की रात की नींद उड़ा रखी है। इन कमर्शियल बिल्डिंग में जहां लोगों ने अपने शोरूम, जिम, होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाऊस, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल आदि बना रखे हैं, वहीं कई कांग्रेसी नेताओं ने अपने-अपने ऑफिस भी खोले हुए हैं। यही नहीं, Timpy Farm, Brother’s द Dhaba, Dhaba Junction, कार शोरूम्स, कांग्रेसी नेताओं के ऑफिस आदि ऐसे कई संस्थान हैं जिन्होंने सेक्टर-10-12 डिवाइडिंग रोड़ पर हुडा विभाग द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर बनाये गए साईकल ट्रैक को भी नही बख्शा और उसे भी खत्म कर वहां अवैध कब्जे कर रखे हैं। गैर-कानूनी रूप से बनी ऐसी उन सभी कमर्शियल बिल्डिंगों पर सोमवार को नगर निगम का कहर बरसेगा और इन सब पर तोड़फोड़ कर लाल रंग की सील लगा ताला लटका नज़र आएगा। इसके लिए जहां नगर निगम ने भारी पुलिस फ़ोर्स का इंतजाम भी कर लिया है। वहीं तोड़फोड़ के लिए दो पॉपलेन व 6 जेसीबी मशीन भी मंगा रखी हैं। संभवतः SDM बल्लबगढ़ तथा जॉइंट कमिश्नर ओल्ड फरीदाबाद जोन को डयूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया है।
हाईकोर्ट के आदेशों पर होने वाली निगम की इस बड़ी कार्यवाही को अंजाम देने के लिए निगम ने इन एरिया की जहां स्टिल व वीडियो फोटोग्राफी करा ली है वहीं रिहायशी प्लॉटों में कमर्शियल काम करने वाले 103 उपरोक्त अवैध गतिविधियां चलाने वाले लोगों को नगर निगम द्वारा नोटिस भी बांटे जा चुके हैं।
ध्यान रहे कि हाईकोर्ट में दायर याचिका नंबर 15402/16 & CWP No. 594/16 योगेंद्र सिंह बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा & RWA V/s State of Haryana की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए Highcourt ने इन सभी अवैध प्रतिष्ठानों को सील करने के आदेश जारी किए गए हैं। इस मामले में कार्यवाही कर 15 फरवरी को अपनी रिपोर्ट नगर निगम को Highcourt में सौंपनी है।
निगम सूत्रों के मुताबिक सोमवार, 11 फरवरी से उपरोक्त दोनों सेक्टरों में खुले सभी प्रकार के कमर्शियल गतिविधियां करने वाले शोरूम, जिम, होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाऊस, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल आदि को सील कर दिया जाएगा तथा जहां-जहां तोड़फोड़ की जरुरत होगी वहां जेसीबी से तोड़फोड़ भी की जाएगी।
वैसे तो हाईकोर्ट के आदेश पर ही तोड़फोड़/सीलिंग की इस कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा। लेकिन अगर ऐसे होता है तो फिर इसका परिणाम जल्द ही होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को भुगतना पड़ सकता है।
उधर सीलिंग की इस कार्यवाही से डरे-पिटे लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए जैसे-तैसे करके अपना धंधा शुरू किया, और अब उनके पेट पर लात मारी जा रही है। इनका कहना है कि जब वे अपने शोरूम बना रहे थे तो नगर निगम ने बनने ही क्यों दिए, उस समय तो नगर निगम के अधिकारी लाखों रुपए उनसे लेकर चलते बने और अब उन्हीं के द्वारा उनके काम-धंधे को बंद करवाया जा रहा है। इनका कहना है कि यदि उनकी दुकानें सील की जाएंगी तो निगम के उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए, जिनके समय में ये मार्किट बनीं थी और अब भी बन रही हैं।
अब देखना यह है कि सोमवार का दिन ऐसे लोगों के लिए काला दिन साबित होता है या फिर कोई भगवान का दूत बनकर उनके खिलाफ होने वाली सीलिंग की कार्यवाही को रुकवा देता है। पूरे फरीदाबाद की नज़र फिलहाल तो सोमवार पर टिकी हुई है।
काबिलेगौर रहे कि यहां लोगों ने रिहायशी नक़्शे पास कराकर वहां निगम अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से कमर्शियल संस्थान बना लिए हैं और हाल-फिलहाल बन भी रहे हैं। देखते हैं कि लोगों से मोटी रकम खाने के बाद अब निगम इन अवैध निर्माणों को सोमवार जेसीबी का पीला पंजा चलाता है या फिर क्या रुख अपनाता है।
जो भी हो, आज पूरे फरीदाबाद के लोगों की नज़र सोमवार को होने वाली नगर निगम की कार्यवाही पर है।

 

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