Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News, 18 मई:
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने केंद्र सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए 20 लाख करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि आवश्यकता इस बात की है कि सरकार ऐसे प्रभावी पग उठाए, जिससे एमएसएमई सैक्टर के लिए नकदी की समस्या का समाधान हो सके।
श्री मल्होत्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित पैकेज उपरांत एमएसएमई सेक्टर के लिए कैश फ्लो के लिए पग उठाने का आग्रह किया है। कहा गया है कि उद्योगों में उत्पादन प्रक्रिया ठप है और बाजार में मांग नहीं है ऐसे में केवल नकदी प्रवाह से ही उद्योगों की समस्याओं का समाधान संभव है।
श्री मल्होत्रा के अनुसार वर्तमान में स्थिति यह है कि उद्योगों की बिक्री शून्य प्रतिशत है और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार तथा अन्य प्रदेशों से आए श्रमिक पलायन कर रहे हैं, ऐसे में यदि उद्योगों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए तो लाक डाउन के कारण गंभीर परिस्थितियों से घिरे उद्योगों को बचाया जा सकता है।
इस मौके पर श्री मल्होत्रा ने आर्थिक सुधारों तथा उद्योगों के लिए प्रभावी योजनाओं को आरंभ करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि एमएसएमई सेक्टर के लिए वर्तमान में फंड की काफी आवश्यकता है, जिससे वे वेतन, बिजली भुगतान, उत्पादन को पुन: आरंभ करने, हाइजीनिक सिस्टम बनाने तथा स्वास्थ्य संबंधी एमएचए के निर्देशों की पालना कर सकें।
श्री मल्होत्रा के अनुसार पिछले लगभग 7 सप्ताह से एमएसएमई सैक्टर गंभीर आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, उत्पादन बिल्कुल ठप है और दिन-प्रतिदिन के खर्चे के लिए भी उद्योग प्रबंधकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं जिला स्तर पर तथा प्रदेशों के बॉर्डर पर आवागमन ना होने के कारण उद्योग प्रबंधकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे निजात दिलाई जानी चाहिए।
श्री मल्होत्रा के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि सरकार मीडियम टर्म पॉलिसी तैयार करे, ताकि उद्योगों की समस्याओं का समाधान प्रभावी रूप से हो सके। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा है कि एमएसएमई सैक्टर को तभी गति प्रदान की जा सकती है, जब उनके हाथ में नकदी होगी और इसके लिए भारत सरकार को ऐसे पैकेज पर ध्यान देना होगा जो एमएसएमई सैक्टर को किसी भी रूप में धन उपलब्ध कराएं।
केंद्र सरकार द्वारा ईपीएफ के संबंध में दिए गए सहयोग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा है कि इस संबंध में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे वास्तविक रूप से एमएसएमई सैक्टर को लाभ मिलता दिखाई नहीं दे रहा, इसके साथ ही इलेक्ट्रिसिटी फिकस्ड चार्जेज को पूर्ण रूप से माफ करने की मांग करते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा है कि यह काफी जरूरी है क्योंकि यह सर्वविदित तथ्य है कि उद्योगों में लाक डाउन के दौरान कार्य बिल्कुल नहीं हुआ।
श्री मल्होत्रा के अनुसार यदि हमें कोविड-19 के साथ ही रहना है तो हमें अपने आपको तैयार करना होगा, जिसके लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ उद्योगों को भी कार्य करना होगा और इसके लिए नकदी की काफी आवश्यकता है।

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