मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद ,8 दिसंबर:
आज चारों ओर सूचनाओं की भरमार है और सभी लोग सोशल मीडिया पर पब्लिशर बन गये है। लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी सूचना को आगे भेजने से पूर्व तथ्यों की जांच पड़ताल जरूरी है। तथ्यों की कसौटी पर सूचनाओं की जांच-पड़ताल करना आजकल की बड़ी चुनौती बन गई है। इसी चुनौती का सामना करने के लिए डीएवी शताब्दी कॉलेज के बीकॉम (एसएफएस) विभाग के छात्र-छात्राओं के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार की मुख्य वक्ता ‘फैक्टशालाÓ संस्था की प्रशिक्षक एवं बीए (जनरल एवं मास कम्यूनिकेशन) की प्रवक्ता मिस रचना कसाना थी।
बता दें कि फैक्टशाला भारत में गूगल के सहयोग से सूचना साक्षरता कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्था है। जिसका उद्देश्य गलत एवं भ्रमित सूचनाओं के विरूद्व समाचार एवं सूचना साक्षरता के माध्यम से भारतीय नागरिकों को सचेत एवं जागरूक कराना है। जूम प्लेटफार्म पर आयोजित इस वेबिनार में मिस रचना कसाना ने छात्र-छात्राओं को बताया कि गलत सूचना क्या होती है और कैसे गलत सूचनाओं को फोटो, विडियो, पोस्टरों को जांचा परखा जाता है और वास्तव में सूचना का सही स्रोत क्या है।
कॉलेज की कार्यकारी प्राचार्या डॉ. सविता भगत ने वर्तमान समय में सूचनाओं की विश्वसनीयता की परख के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन की प्रशंसा की।
कार्यक्रम के संयोजक मुकेश बंसल जोकि वाणिज्य (एसएफएस) संकाय के कोऑर्डिनेटर है, ने बताया कि आजकल इस क्षेत्र में तमाम संगठन और संस्थाएं कार्यरत है जिनकी मदद से फोटो और विडियो की सच्चाई की परख की जा सकती है।
मिस ललिता ढींगरा, डॉ. सोनिया नरूला, डॉ. प्रीति झा, मि. ई.एच. अंसारी और मिस राखी बधावन ने इस वेबिनार में कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में पूरी जिम्मेदारी निभायी। इस वेबिनार में वाणिज्य विभाग के 92 विद्यार्थियों और 20 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया।

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