आखिर निगमायुक्त द्वारा जमींदोज करवाने के बाद भी कैसे बन रहा है दोबारा अवैध रूप से बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स?
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
फरीदाबाद, 12 जुलाई:
भेंट के आगे सब फेल। जी हां, नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को देखते हुए तो कुछ ऐसा ही लगता है। इसका सीधा-सीधा उदाहरण है एनआईटी फरीदाबाद में संतों के गुरूद्वारे के सामने एनएच-1के/ प्लॉट नं.SSI-9A में बन रही वह निर्माणाधीन ईमारत है जोकि मात्र 20-25 दिनों में ही बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स का रूप धारण कर चुकी है। मौके पर दर्जनों मिस्त्री-मजदूरों की सुरक्षा को दाव पर रखकर उनसे दिन-रात काम करवाया जा रहा है। मौके पर पहुंची मैट्रो प्लस की टीम ने देखा कि वहां काम/निर्माण का आलम यह था कि वहां दूसरी मंजिल की शटरिंग की जा रही थी जबकि अभी पहली मंजिल की शटरिंग भी हटी नहीं थी। ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेवार कौन होगा, कोई बताने वाला नहीं हैं।
हालांकि अवैध रूप से बन रही इस निर्माणाधीन ईमारत की शिकायत एक बार फिर संतों के गुरूद्वारे की संस्था डेरा संत भगत सिंह जी महाराज के प्रधान मनोहरलाल अरोड़ा और ट्रस्टी मेंबर आई.डी.अरोड़ा ने कल वीरवार को सैक्टर-12 में हुई जिला कष्ट एवं शिकायत निवारण कमेटी (ग्रीवेंस कमेटी) की बैठक में कमेटी के चेयरमैन मनीष ग्रोवर को लिखित तौर पर की थी। बकौल ट्रस्टी मेंबर आईडी अरोड़ा ग्रीवेंस कमेटी के चेयरमैन ने उसी समय बैठक में मौजूद निगमायुक्त अनीता यादव को अवैध रूप से बन रहे उक्त शॉपिंग कॉम्पलेक्स को तोडऩे के आदेश दे दिए जिस पर निगमायुक्त ने दो दिन के अंदर उक्त अवैध निर्माण को तोडऩे का आश्वासन कमेटी चेयरमैन को दे दिया। श्री अरोड़ा ने बताया कि चेयरमैन साहब ने उनसे यह भी कहा कि यदि दो दिनों में कोई कार्यवाही ना हो तो मुझे बताना। श्री अरोड़ा का कहना था कि हम लोग शनिवार तक का इंतजार कर रहे हैं, यदि तब तक हमारी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो हम ट्रस्ट के मेंबर अपने प्रधान की अगुवाई में रविवार को रोहतक जाकर ग्रीवेंस कमेटी के चेयरमैन एवं कैबिनेट मंत्री मनीष ग्रोवर के सामने दोबारा से अपनी शिकायत रखेंगे।
काबिलेगौर रहे कि संतों के गुरूद्वारे के सामने एनएच-1के/ प्लॉट नं.SSI-9A में बन रहा यह वही निर्माणाधीन शॉपिंग कॉम्पलेक्स है जिसको कि गत् एक मार्च को स्वयं निगमायुक्त के आदेश पर नगर निगम के तोडफ़ोड़ दस्ते ने चार जेसीबी की सहायता से मिट्टी में मिला दिया था। लेकिन अब यह समझ नहीं आ रहा कि ग्रीवेंस कमेटी के चेयरमैन मनीष ग्रोवर के आदेशों के बाद भी अभी तक निगमायुक्त ने अवैध रूप से बन रहे इस अवैध शॉपिंग कॉम्पलेक्स के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की। जबकि आज नगर निगम का तोडफ़ोड़ दस्ता एनएच-5 में फ्रुट गार्डन, रेलवे रोड़ पर जेसीबी से रोड़ को चौड़ा करने के नाम पर फर्श तोडऩे में लगा था।
यही नहीं, अपना नाम ना छापने की शर्त पर संस्था के एक ट्रस्टी ने बताया कि जिस प्लॉट पर उक्त शॉपिंग कॉम्पलेक्स अवैध रूप से दिन-रात बनाया जा रहा है, वास्तव में वह जमीन रिहब्टेशन/पुर्नवास विभाग की है और सरकारी है। अगर इसका पुराना रिकार्ड निकालकर देखा जाए तो सारी पोजिशन स्वयं ही स्पष्ट हो जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी खुलासा किया कि सन् 1993 में तत्कालीन भजनलाल सरकार में रामरतन नामक एक तहसीलदार ने 12 प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्रियां की थी जिनमें से एक प्लॉट यह एनएच-1के/ प्लॉट नं.एसएसआई-9ए भी था। बताया गया कि जब इस मामले की शिकायत पर जांच हुई तो डिप्रेशन में आकर तहसीलदार रामरतन ने अपने को फंसता देख आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद तत्कालीन भजनलाल सरकार ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। तब से लेकर अब तक इस मामले का कोई अता-पता ही नहीं हैं। अब इस ट्रस्टी मेंबर की बातों/आरोपों में कहां तक सच्चाई है ये तो सरकार जाने या आरोप लगाने वाला, लेकिन जिस आत्मविश्वास के साथ इस ट्रस्टी मेंबर ने उक्त खुलासा किया वो वास्तव में चौंकाने वाला ही था। इसलिए शासन-प्रशासन को भी चाहिए कि वो उक्त मामले का खुलासा करे कि क्या वास्तव में सरकारी जमीन पर ही उक्त अवैध शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है या जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो निराधार हैं।
जो भी हो, जिस तरीके से नगर निगम फरीदाबाद में तोडफ़ोड़ के नाम पर रोजाना कोई ना कोई खुलासा हो रहा है उससे निगमायुक्त को सबक लेते हुए इन मामलों में सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि उनकी छवि बरकरार रह सके और निगम अधिकारियों को भी आखें हों।

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