मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 4 अप्रैल:
भ्रामक प्रचार करने वाले सावधान! यदि सोशल मीडिया के किसी भी माध्यम से अगर किसी ने भी कोई भी गलत पोस्ट की या फारवर्ड की तो वो कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहे। ऐसे लोगों पर सरकार की विभिन्न एजेंसियों और पुलिस की साईबर सैल द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है।
कोविड-19 संक्रमण संकट के समय किसी तरह की भ्रामक सूचना से विकट स्थिति पैदा हो सकती है। अपुष्ट सूचनाओं से आम जनता में भ्रम की स्थिति पैदा ना हो, इस लिहाज से सरकारी एजेंसियां भी इस बात पर कड़ी निगरानी रख रही हैं कि गलत अथवा आधारहीन सूचनाओं का प्रेषण न हो। कड़ी निगरानी रखने के लिए हरियाणा के सूचना व जनसम्पर्क विभाग के निदेशक पीसी मीणा ने राज्यस्तरीय व जिलास्तरीय टीमों का व्यापक गठन किया है जो फेसबुक, ट्विटर, यूटूब, वेब पोर्टल्ज, न्यूज चैनल्ज आदि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर रखेंगे । इस संदर्भ में राज्य में हरियाणा पुलिस की साइबर सेल इस इस बात पर पहले से नजर रख रही है कि किसी भी तरह की भ्रामक सूचनाओं का प्रेषण न हो।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि आमजन को भी सोशल मीडिया अथवा अन्य कहीं से मिली कोई सूचना भ्रामक अथवा तथ्यों से परे लगती है तो वह इसकी सूचना पुलिस व स्थानीय प्रशासन को दे तथा कपचतंिबजबीमबा/हउंपसण्बवउ पर भी भेज सकता है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार सोशल मीडिया पर अफवाह या बिना पुष्टि किये गलत पोस्ट करने या फारवर्ड करने वालों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ साथ आईटी एक्ट व एपिडेमिक एक्ट में मामला दर्ज हो सकता है। कानून में इसके लिये सजा का प्रावधान भी है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और सभी से अपील भी है कि वे सहयोग करे और सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट या फॉर्वर्ड जिम्मेदारी के साथ ही करे ताकि इस वैश्विक संकट में भ्रम की स्थिति पैदा न हो।

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