चाइना की नकली टेस्ट किट के बाद भिवानी में भी नकली पीपीई किट और मास्क बनाने का सामने आया गड़बड़झाला
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/भिवानी, 2 मई:
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में हर कोई घर के अंदर बंद है। इस बुरे दौर में भी मुनाफाखोर और कुछ दलालों के साथ मिलकर राजनेता लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर चांदी कूटने में लगे हैं। चाइना से आई नकली टेस्ट किट की तर्ज पर ही भिवानी में भी बड़े पैमाने पर नॉन वुवन कपड़े से पीपीई नकली किट और मास्क बनाने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जिला प्रशासन और सरकार के नुमाइंदों के ठीक नाक तले प्लास्टिक निवार की फैक्ट्रियों में भी नकली पीपीई किट और मास्क के कारोबारी घरों के अंदर हाइजेनिक मापदंडों की अनदेखी कर इन्हें तैयार करा रहे हैं। इन्हें घरों के अंदर तैयार कराने के लिए किसी भी संबंधित विभाग से कोई अनुमति या एनओसी तक नहीं ली गई। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी की गई कोविड-19 की गाइडलाइन का भी सरेआम उल्लंघन हो रहा है। घरों में तैयार की गई नकली पीपीई किट की कोई प्रमाणिकता यानि किसी भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की लैब से कोई टेस्टिंग तक नहीं है, और न ही उस पर कोई आईएसओ मार्का लगा हुआ है। घरों से मात्र 70 रूपये का लालच देकर तैयार कराई गई नकली पीपीई किट को बाजार में 700 रूपये तक बिक्री किया जा रहा है।
इस मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर दी है। इस जनहित याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई के आसार हैं। न्यायालय में डाली गई जनहित याचिका में 40 ऐसे बिंदु दर्शाये गए हैं, जहां पर ये कारोबार नियमों व हाइजेनिक मापदंडों को बिना जांचे परखे चल रहा है। इसमें कुछ फैक्ट्रियां व घरों के पते भी शामिल हैं, जहां पर गंदगी के माहौल में ही महिलाएं इन्हें तैयार कर रही हैं। बृजपाल सिंह परमार ने हाईकोर्ट में इस मामले में हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य महानिदेशक, जिला उपायुक्त भिवानी व पुलिस अधीक्षक भिवानी शामिल है। इसके अलावा इस मामले में संबंधित विभागों के अधिकारियों की भी मिलीभगत रही हैं, इन पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए इस कार्य को तुरंत प्रभाव से बंद कराए जाने की मांग की है।
बृजपाल सिंह ने बताया कि कोविड-19 में लॉकडाउन चल रहा है। इस दौरान संबंधित दिशा-निर्देश भी जारी किए हुए हैं। लेकिन घरों के अंदर हाइजेनिक मापदंडों की अनदेखी तैयार कर बनाई जा रही नकली पीपीई किट से गंभीर वायरस से लड़ रहे चिकित्सकों, पैरा-मेडिकल स्टॉफ व आम लोगों की जान को बड़ा खतरा बना हुआ है। कुछ मुनाफाखोरों के इस कार्य की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण को भी बढ़ावा मिलेगा। जिससे लाखों लोगों की जान को जोखिम हो सकता है। आम जनता व चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टॉफ के साथ-साथ सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों की जान पर कोई जोखिम न बनें, इसलिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। सरकार और प्रशासन को भी इस संबंध में ईमेल के जरिए काफी शिकायतें भेजी जा चुकी हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई संज्ञान भी नहीं लिया है।

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