मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/फरीदाबाद/भिवानी, 6 फरवरी: वैश्य मॉडल स्कूल भिवानी की प्रबंधन कार्यसमिति के खिलाफ माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने लाखों रुपयों के गबन मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं। गत् 4 फरवरी को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान भिवानी जिला पुलिस कप्तान को एफआईआर दर्ज कर इस मामले में तत्परता से कार्रवाई के सख्त आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार द्वारा 5 अक्टूबर, 2018 को दी गई शिकायत के आधार पर न्यायालय ने ये आदेश जारी किए हैं। इससे पहले बोर्ड सचिव की जांच में भी स्कूल की वर्तमान प्रबंधकारिणी समिति को पूरी तरह से अवैध करार देते हुए गबन मामले में सभी दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने तक की सिफारिश की गई थी। मामला वर्ष 2014 का है, जब वैश्य मॉडल स्कूल की प्रबंधकारिणी समिति के महासचिव द्वारा 30 लाख की राशि का गबन कर अपने निजी हितों के लिए इस्तेमाल कर लिया था। इस मामले में उस समय प्रबंध समिति के ही कुछ सदस्यों ने विरोध भी किया था, लेकिन इसके बावजूद इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
इसी मामले में 26 मार्च, 2018 को स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने उपायुक्त को शिकायत देकर मामले की विस्तृत जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उपायुक्त द्वारा 6 अप्रैल, 2018 को मामले की जांच के लिए शिक्षा बोर्ड सचिव को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए मामले की तह तक जाने के निर्देश दिए थे। बोर्ड सचिव ने मामले की जांच के बाद 3 अगस्त, 2018 को अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि वैश्य मॉडल स्कूल की वर्तमान गर्वनिंग बॉडी सोसायटी एक्ट 2012 के अंडर सेक्शन 33 के अनुसार पूरी तरह से अवैध है। इसी तरह स्कूल के अंदर बच्चों के अभिभावकों की खून पसीने की कमाई से 30 लाख की राशि का गबन भी किया गया है। जिस राशि का स्कूल प्रबंध समिति के महासचिव ने नियमों को ताक पर रखते हुए निजी हित साधने में इस्तेमाल कर लिया था। बोर्ड सचिव ने वर्तमान स्कूल प्रबंधकारिणी समिति को अवैध करार देने के साथ साथ इसे भंग करके स्कूल के अंदर प्रशासक नियुक्त करने की सिफारिश भी की गई है। जबकि गबन मामले में अकाउंटेंट, कैशियर सहित प्रबंध कारिणी समिति के दोषी पदाधिकारियों व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश भी की गई। इसके बाद उपायुक्त ने 12 सितम्बर, 2018 को जिला रजिस्ट्रार भिवानी को आदेश पत्र जारी करते हुए कहा कि शिक्षा बोर्ड सचिव की रिपोर्ट के आधार पर गबन मामले में दोषियों एवं प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों के गैर-कानूनी तरीके से हुए चुनाव को रद्द करते हुए प्रशासक नियुक्त करा आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए। जिला रजिस्ट्रार ने उपायुक्त के आदेशों के आधार पर बोर्ड सचिव की जांच रिपोर्ट के अनुसार 18 सितम्बर, 2018 को मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए राज्य रजिस्ट्रार को अपनी सिफारिश भेजकर प्रबंधक कमेटी को भंग कर प्रशासक नियुक्त किए जाने एवं गबन मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की बात कही गई।
ऐसे किया गया स्कूल फंड की राशि में लाखों का गबन:-
वैश्य मॉडल स्कूल में अप्रैल-मई 2013 में दाखिलों के दौरान अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों की फीस जमा कराई थी। उसमें से करीबन 30 लाख रुपये की राशि को स्कूल प्रबंध समिति के महासचिव ने अकाउंटेंट के माध्यम से अपने निजी लाभ के लिए घर मंगवा लिया था। इसके बाद इस राशि का इस्तेमाल निजी हितों के लिए किया गया और जब 2014 में गबन का मामला उजागर हुआ तो इस राशि में से 18 लाख रुपये की राशि 29 जनवरी, 2014 को स्कूल में जमा करा दी गई। उसके बाद भी स्कूल के पास 18 लाख कैश इन हैंड होने के बावजूद बैंक से एक लाख, 42 हजार, 199 रुपये की राशि 30 अगस्त, 2013 व 11 जनवरी, 2014 को नगद निकासी की गई। इतनी बड़ी राशि जब उनके पास मौजूद थी तो बैंक से पैसा निकलवाने की क्या जरूरत पड़ी। यह मामला इसी से संदेहास्पद हो गया था। स्कूल से करीबन 30 लाख की राशि का निजी इस्तेमाल किए जाने संबंधी प्रबंधक समिति के समक्ष ना तो कोई प्रस्ताव पारित किया गया था और ना ही प्रबंध समिति की कोई बैठक की गई थी। एक सामाजिक ट्रस्ट होने के बावजूद सामूहिक मामले में निजी हित साधने के लिए लाखों का गबन कर घोटाले को अंजाम दिया गया था।
भी सबूतों के बावजूद स्टेट रजिस्ट्रार ने भी नहीं की कोई कार्रवाई तो न्यायालय में जाना पड़ा: बृजपाल परमार
इस संबंध में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व प्रदेश संगठन मंत्री भारत भूषण बंसल ने बताया कि 19 दिसम्बर, 2017 को वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट की तथाकथित प्रबंधक कमेटी की बैठक नई दिल्ली के पंजाबी बाग में की गई थी। जिसके अनुसार शिवरत्न गुप्ता को प्रधान, विधायक घनश्याम दास सर्राफ को उप- प्रधान, पवन कुमार बुवानीवाला को सचिव, बृजलाल सर्राफ को खजांची चुना गया था। लेकिन इस कमेटी के गठन संबंधी कोई भी सूचना या अनुमति जिला रजिस्ट्रार से नहीं ली गई थी। दो जनवरी, 2018 को प्रबंध समिति चुनाव की रिपोर्ट रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा कराई गई। मगर रजिस्ट्रार कार्यालय ने इस चुनाव को पूरी तरह से अवैध घोषित कर दिया था। जबकि किसी भी सोसायटी या प्रबंध समिति के चुनाव से पहले रजिस्ट्रार को लिखित में अनुमति लेनी होती है, फिर रजिस्ट्रार इलेक्शन के लिए समिति को नोटिस जारी करता है। तत्पश्चात प्रबंध समिति का नियमों अनुसार चुनाव कराकर उसकी विडियो रिकार्डिंग सहित चुने हुए पदाधिकारियों के नाम रजिस्ट्रार आफिस में भेजे जाते हैं। तब उस स्थिति में प्रबंधकारिणी समिति को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्रमाणित माना जाता है। मगर वैश्य मॉडल स्कूल की प्रबंधकारिणी समिति चुनाव में रजिस्ट्रार ने हरियाणा सोसायटी एक्ट 2012 के सेक्शन 33 के तहत पूरी तरह से अवैध मानते हुए स्कूल के अंदर प्रशासक नियुक्त किए जाने की सिफारिश स्टेट रजिस्ट्रार से की गई। उन्होंने कहा कि स्टेट रजिस्ट्रार से प्रबंध कमेटी को भंग कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इसी के बाद मामले को माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। जिस पर माननीय हाई कोर्ट ने उनकी 5 अक्टूबर, 2018 को पुलिस अधीक्षक भिवानी को दी गई शिकायत पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर इस मामले में कानूनी कार्रवाई किए जाने के सख्त आदेश दिए हैं।
फरीदाबाद के स्कूल भी जल्द आएंगे लपेटे में:-
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार की माने तो अकेला भिवानी का वैश्य मॉडल स्कूल ही ऐसा प्राईवेट स्कूल नहीं हैं जो गबन के मामले शामिल हो, पूरे हरियाणा प्रदेश में इस तरह के प्राईवेट स्कूलों की भरमार है। इस दिशा में अब उनका अगला टारगेट प्रदेश की औद्योगिक नगरी कहे जाने फरीदाबाद शहर है, जहां के प्राईवेट स्कूल संचालकों ने गबन के मामले में पूरे हरियाणा के बाकी जिलों को पिछाड़ रखा है। बकौल परमार इस तरह के मामलों में अब वे जल्द ही फरीदाबाद जिले के उन प्राईवेट स्कूलों के खिलाफ भी मोर्चा खोलने जा रहे हैं, जोकि गबन करने में लगे हैं। इस संबंध में फरीदाबाद के कई स्कूलों का रिकार्ड उनके पास आ चुका है और कुछ आने वाला है जिसके बाद वो अपनी कार्यवाही को अमल में लाएंगे। फरीदाबाद के वे कौन से स्कूल है जोकि गबन के मामले में संदिग्ध है, इसका खुलासा बृजपाल परमार जल्द करेंगे।
ब देखना यह है कि फरीदाबाद के कौन-कौन से स्कूल गबन की आग के लपेटे में आते हैं।

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