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मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 17 अगस्त: एक समय द्वापर युग का था जब भगवान श्री कृष्ण ने द्रोपदी की लाज बचाई थी और एक समय अब कलयुग का ऐसा भी आ गया है जहां अबला तो छोड़ो मासूम बच्ची की इज्जत तक भी यहां सुरक्षित नहीं हैं वो भी मंदिर जैसी पवित्र जगह पर।
जी हां, हम बात कर रहे हैं विवादों में घिरे एनआईटी क्षेत्र के एन.एच.-5 स्थित नामी-गिरामी बांके बिहारी मंदिर की जहां जन्माष्टमी की रात को एक हैवान द्वारा मासूम बच्ची की इज्जत लूटने का प्रयास किया गया। वो तो गनीमत है मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों की जिसकी लाईव कवरेज के चलते मासूम बच्ची की इज्जत बच गई क्योंकि लोगों ने इस घटना को कैमरे में देख आरोपी हैवान को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
मजेदार बात तो यह है कि जिस समय मंदिर में दुष्कर्म की इस घटना को अंजाम दिए जाने की कोशिश हो रही थी, उस समय मंदिर में दर्जनों हट्टे-कट्टे बाऊंसर तथा मंदिर के सैकड़ों वॉलियंटर जनता की सुरक्षा के नाम पर तैनात तो थे लेकिन वो जनता की सुरक्षा की बजाए मंदिर के प्रधान आदि पदाधिकारियों की सेवा मेंं लगे हुए थे।
ध्यान रहे कि एक तरफ तो एन.एच.-5 स्थित बांके बिहारी मंदिर में 15 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही थी। इसी समारोह में मन्दिर के पदाधिकारी बाऊंसरों के साए में मंदिर की व्यवस्था देखने की बजाए स्टेज पर अपने मनोरंजन तथा अतिथिगणों की आवाभगत में जुटे हुए थे जिनसे कि समारोह के लिए मोटे चंदे की रकम उगाही गई थी।
वही दूसरी ओर मंदिर में बनी पानी की गुफा में कुछ दुसरे बच्चों के साथ खेल रही भगत सिंह कॉलोनी से जन्माष्टमी देखने आई पांच साल की मासूम बच्ची को मंदिर में डीजे चलाने वाला सुनील नामक एक हैवान युवक अपनी हैवानियत का शिकार बनाने के लिए जबरन उसको मंदिर में बनी गुफा मेंं पर्दे के पीछे खींच कर ले गया और उससे शारीरिक छेड़छाड़ कर उससे दुष्कर्म की कोशिश करने लगा। वहीं काफी देर तक जब बच्ची के ना मिलने पर उसके परिजनों ने उसे आसपास तलाशना शुरू कर दिया तो कैमरे में देखने पर पता चला कि कैसे एक युवक जबरदस्ती उनकी मासूम बच्ची को खींचकर पर्दे के पीछे धकेल कर ले जा रहा है। उसी दौरान वहां पर मौजूद लोगों ने आरोपी को धर दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया।
अब सवाल यहां यह उठता है कि मंदिर में सुरक्षा के लिए सैकड़ों वॉलियंटरों के होने के बावजूद जब पानी की तरह पैसा बहाकर दर्जनों हट्टे-कट्टे बाऊंसरों को तैनात किया गया था तो ऐसे में वहां इतनी बड़ी घटना कैसे घट गई। इससे तो यही लगता है कि इन बाऊंसरों को जनता की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि मंदिर के आयोजकों ने अपनी चौधराहट दिखाने के लिए दिखावे के तौर पर मंदिर के पैसों का दुरूपयोग किया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि स्टेज पर सुरक्षा इतनी कड़ी थी कि वहां आदमी तो छोड़ों परिंदा भी स्टेज के आसपास पर नहीं मार सकता था। बावजूद इसके आरोपी बच्ची को शिकार बनाने के लिए कैसे कामयाब हो गया। यह एक सोचने वाली बात है।
आरोप तो ये भी है कि जनता की सुरक्षा के नाम पर तैनात किए गए ये बाऊंसर स्वयं ही मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी समारोह देखने आई लड़कियों से ही छेड़छाड़ व बद्तमीजी करने पर उतारू थे। एन.एच.-5 में रहने वाली शिखा ने बताया कि वो जब लाईन में भगवान के दर्शन के लिए लगी हुई थी तो वहां तैनात बाऊंसरों ने उससे बदतमीजी की तथा एक बाऊंसर ने उसका हाथ मरोड़ कर उसे लाईन से ही बाहर निकाल दिया। शिखा इस घटना के बाद से अब तक सदमे में है।
मंदिर में जन्माष्टमी पर हुई बच्ची के साथ छेड़छाड़ की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई मंदिरों में छेड़छाड़ के कई मामले सामने आ चुके हैं। बीते वर्ष दिल्ली के एक मंदिर में जन्माष्टमी की रात मंदिर के ही एक पुजारी ने एक छोटी सी बच्ची को हवस का शिकार बना लिया था।
बांके बिहारी मंदिर में हुई इस घिनौनी हरकत की शिकायत पीडि़त बच्ची की मां गीता पत्नी विक्रम सिंह निवासी भगत सिंह कॉलोनी ने थाना एनआईटी में की है जिसपर आरोपी फतेहपुर चंदेला निवासी सुनील नेपाली पुत्र प्रेम बहादुर के खिलाफ थाना एनआईटी में विभिन्न धाराओं सहित एससी-एसटी व पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसको आज अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत मेंं जेल भेज दिया है।

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